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झारखंड के हजारीबाग में मिला एक गिद्ध चर्चा का विषय बन गया है। विष्णुगढ़ के कोनार डैम से बांग्लादेश का चिप लगा एक गिद्ध पकड़ा गया है। उसके पंजे पर एक मेटालिक रिंग भी लगा हुआ है, जिस पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम और नंबर अंकित है। फिलहाल उसे विष्णुगढ़ में सुरक्षित रखा गया है। साथ ही उस पर लगे चिप और मेटालिक रिंग के बारे में पता लगाया जा रहा है। इधर, एसपी अरविंद सिंह ने कहा कि चिप लगे गिद्ध की सूचना मिली है। पुलिस वेरिफिकेशन करवा रही है। पुलिस पदाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
इधर, सेव एशियन वल्चर फ्रॉम एक्सटिशन के सदस्य डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि यह गिद्ध काफी सफर तय कर हजारीबाग पहुंचा है। इसलिए यह थका हुआ है और बीमार भी है। बीमार होने के पीछे दो बात हो सकती है। या तो इसे रास्ते में खाना नहीं मिला या इसने फिर डायक्लोफेनिक दवा युक्त मांस खाया है। हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि गिद्ध पर बांगलादेशी सोलर रेडियो कॉलर लगा पाया गया है।
विष्णुगढ़ के कोनार डैम से बांग्लादेश का चिप लगा एक गिद्ध पकड़ा गया है। उसके पंजे पर एक मेटालिक रिंग भी लगा हुआ है, जिस पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम और नंबर अंकित है। हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी की ओर से बताया गया कि यह गिद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनयम, 1972 के अन्तर्गत शिड्यूल-1 की श्रेणी में आता है। उसपर बांग्लादेशी सोलर रेडियो कॉलर लगा पाया गया है।
गिद्ध विशेषज्ञों से संपर्क किये जाने पर पक्षी की पहचान वाइट बैक्ड वल्चर के रूप में की गयी है। हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी की ओर से बताया गया कि यह गिद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनयम, 1972 के अन्तर्गत शिड्यूल-1 की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि बॉम्बे नेशनल हिस्टोरी सोसाइटी (बीएनएसएचएस) से जो जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त पक्षी की रेडियो टैगिंग रोयल सोसाइटी फोर द प्रोटेक्शन ऑफ बर्डस (आरएसपीबी) यूके की है।
इसके विलुप्त होती संख्या को रोकने के लिये इसकी टैगिंग की जाती है, जिसका उद्देश्य इस विलुप्त प्राय पक्षी की सतत् मॉनिटरिंग करना है। इस पक्षी की टैगिंग (आरएसपीबी यूके) की ढाका स्थित टीम ने की है, जिस कारण उसके पंजे पर मौजूद रिंग में ढाका अंकित है। बीएएचएस द्वारा प्रमंडल से साझा की गई जानकारी के अनुसार इस पक्षी को 15 मई, 2024 को टैग किया गया था। इसका आगमन 08 अगस्त, 2024 को हजारीबाग जिले के कोनार डैम में हुआ है। हजारीबाग पहुंचने से पूर्व पक्षी के द्वारा कुल 1214 किलोमीटर की दूरी तय की गई है। 45 दिनों की कुल यात्रा के उपरान्त सोमवार को झारखंड के हजारीबाग पहुंचा।
कर्मियों ने बारिकी से किया निरीक्षण
बांग्लादेश में सियासी तनाव, हिंसा के बीच भारत में बांग्लादेश के डिवाइस के साथ गिद्ध के मिलने के बाद लोगों में चर्चा होने लगी है। लोग जासूसी आदि को लेकर भी शक करने लगे। इन बातों और बल तब मिला जब गिद्ध के पैरों को देखने पर पता चला कि एक में लोहे की रिंग लगी मिली। जिसमें बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम और नंबर अंकित है। इस बीच गिद्ध को पकड़ने वाले कोनार डैम के कर्मियों ने उसका बारीकी से निरीक्षण किया।
विष्णुगढ़ में सुरक्षित जगह रखा गया
सेव एशियन वल्चर फ्रॉम एक्सटीशन के सदस्य डॉ सत्यप्रकाश कहते हैं कि यह गिद्ध काफी सफर तय करके हजारीबाग पहुंचा है। इस लिए यह थक गया और बीमार हो गया। इसके पीछे दो बात हो सकती है। या तो इसे रास्ते में खाना नहीं मिला। या फिर डायक्लोफेनिक दवा युक्त मांस खाया। अभी इसे विष्णुगढ़ में सुरक्षित जगह रखा गया है। खुशी की बात यह है कि यह अब उठ कर बैठा है। हजारीबाग पूर्वी वन प्रमण्डल अन्तर्गत बगोदर वन प्रक्षेत्र के विष्णुगढ़ बीट के जमनीजारा गांव में सुबह तकरीबन 0900 बजे एक गिद्ध के चोटिल होने की सूचना प्राप्त हुई।
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