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शाहिद अंसारी। उम्र 44 साल। पता चासनाला साउथ कॉलोनी पाथरडीह। काम- पंक्चर मिस्त्री। हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल अस्पताल के कैदी वार्ड में पुलिस हवलदार की हत्या कर फरार शाहिद दरिंदे से कम नहीं। इसकी कारस्तानी सुन कोई भी मानव शर्मसार हो जाएगा। सुदामडीह में स्कूल से घर लौट रही छात्रा के साथ जंगल में गैंगरेप करने वाला शाहिद जब वर्ष 2018 में जेल से बाहर आया तो उसने पड़ोस में रहने वाली वृद्ध सिख महिला से जेवर लूटने के दौरान उनकी हत्या कर दी थी। शाहिद अंसारी दोनों कांडों में मुख्य आरोपी था।
दो नाबालिग लड़कियों से रेप
शाहिद ने 15 अगस्त 2017 को पाथरडीह की स्कूल में स्वतंत्रता दिवस समारोह का जश्न मना कर सहेलियों के साथ लौट रही छात्रा को सुदामडीह जंगल में ले जाकर दो नाबालिगों के साथ गैंगरेप किया था। इस कांड में 15 जनवरी 2019 को उसे बीस साल की सजा हुई थी। गैंगरेप के मामले में बेल पर रहने के दौरान शाहिद ने पड़ोस में रहने वाले राजकुमार सिंह के साथ मिल कर 30 दिसंबर 2018 की शाम में चासनाला साउथ कॉलोनी के सेल आवास में रहने वाले सेवानिवृत्त सेल इस्कोकर्मी इकबाल सिंह की पत्नी 62 वर्षीय सरजीत कौर की हत्या कर दी थी। शाहिद और राजकुमार चोरी के नीयत से सरजीत के घर घुसे थे। पड़ोसी के कारण सरजीत ने दोनों को पहचान लिया था, इसलिए दोनों ने गला दबा कर उनकी हत्या कर दी थी। इस मामले में उसे ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।
अस्पताल पहुंच फेसबुक चला रहा था शाहिद
शाहिद के दुस्साहस के साथ पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। एसआईटी को जानकारी मिली है कि हजारीबाग अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मां से मिले मोबाइल पर वह फेसबुक एकाउंट चला रहा था। भागने से एक घंटे पूर्व शाहिद ने अपने फेसबुक एकाउंट से अपना एक फोटो पोस्ट किया है। पुलिस उस नंबर का पता लगा रही है। मां से मिले मोबाइल नंबरों का लोकेशन भी खंगाला जा रहा है।
मां ने शाहिद को मुहैया कराया था सिम और मोबाइल
हवलदार की हत्या के बाद शाहिद की तलाश में सोमवार सुबह पाथरडीह पुलिस ने उसके घर में दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। घरवालों ने उसके फरार होने या हवलदार की हत्या पर अनभिज्ञता जाहिर की। शाम में हजारीबाग पुलिस भी पहुंची। इस दौरान उसकी मां मोमिना खातून से पूछताछ की गई। पुलिस को जानकारी मिली है कि बेटे से मिलने मोमिना दो-तीन बार अस्पताल पहुंची थी।
चोहन की हत्या के बाद घर-ससुराल में चीत्कार
बेंगाबाद, प्रतिनिधि। हवलदार चोहान हेम्ब्रम की हत्या की घटना की सूचना मिलने के बाद पीरटांड़ के ताराटांड़ स्थित उनके घर और बेंगाबाद के बिशनी शरन स्थित उनकी ससुराल में चीत्कार मच गया। पहले तो इस अनहोनी पर परिजनों को यकीन नहीं हुआ पर घटना की पुष्टि होने के बाद चीत्कार मच गया। सूचना के बाद हवलदार की पत्नी और पुत्र महेश हजारीबाग चले गए। जानकारी के अनुसार, लगभग 20 वर्षों से चोहान हेम्ब्रम बेंगाबाद के बिशनी शरन स्थित ससुराल में रह रहे थे। ससुर ठुड़ा मरांडी एक सधारण किसान हैं। उन्होंने कहा कि उनके दामाद बिशनी शरन में जमीन लेकर अपना मकान बनाकर बीस वर्षों से रह रहा था। चोहन के एक बेट महेश की शादी हो चुकी है। बेटी स्वाति इंटर की पढ़ाई कर रही हैं। ससुर ने बताया कि चोहन 20 दिन पूर्व ही ड्यूटी पर हजारीबाग गए थे।हवलदार के ससुर ने कहा कि कुछ पल के लिए यहां अर्थी आएगी। फिर उनकी अर्थी ताराटांड़ के पिंडाटांड़ पुश्तैनी मकान ले जायी जाएगी। चोहन के माता पिता पिंडाटांड़ में रहते हैं।
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