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26 अगस्त 1994, महाराष्ट्र के पुणे में एक फ्लैट में 5 महिलाओं और दो बच्चों की लाशें मिलीं। घर में हर तरफ खून ही खून था। ये घर पुणे के करवे रोड पर सागर स्वीट्स नाम से दुकान चलाने वाले केसरीमल राठी और उनके बेटे संजय का था।
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शव संजय की मां मीराबाई राठी (45), गर्भवती पत्नी बबीता उर्फ नीता (24), बेटे चिराग(ढाई साल), बहनों हेमलता(27), प्रीति (19), नौकरानी सत्यभामा (32) और हेमलता के डेढ़ साल के बेटे प्रतीक के थे।
7 मर्डर का मंजर कितना खतरनाक था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस पहुंची तब भी लाशों से खून रिस रहा था। कमरों, बाथरूम और किचन की दीवारों पर खून के छींटे थे।
पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। 2 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में उम्रकैद में बदल दिया गया। केस में 28 साल बाद पुलिस की एक चूक सामने आई, जिसके बाद एक आरोपी को रिहा कर दिया गया।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
एक पारिवारिक समारोह के दौरान प्रीति, हेमलता, बबीता और मीराबाई राठी।
महाराष्ट्र के पुणे शहर के कोपौड़ फाटा, कोथरुड एरिया में शिलाविहार कॉलोनी के हिमांशु अपार्टमेंट में दूसरे फ्लोर पर बने फ्लेट नंबर 6 में केसरीमल राठी का परिवार रहता था। उनकी करवे रोड पर सागर स्वीट्स के नाम से फेमस मिठाई की दुकान थी।
केसरीमल और उनका बेटा संजय राठी दुकान चलाते थे। घर में उन दोनों के अलावा केसरीमल की पत्नी मीराबाई राठी, संजय की पत्नी बबीता, छोटी बहन प्रीति और संजय का बेटा चिराग रहता था।
संजय की दूसरी बहन हेमलता की शादी श्रीकांत नवंधर के साथ हुई थी। राठी परिवार आर्थिक रूप से संपन्न था और दुकान भी बढ़िया चल रही थी। परिवार में भी सब कुछ अच्छा चल रहा था।
संजय की पत्नी बबीता को फिर से मां बनने वाली थी। आठवां महीना चल रहा था। घर में आने वाले मेहमान के स्वागत की तैयारियां की जा रही थी।
पति-बेटे के साथ घर आई थी बहन
26 अगस्त 1994 काे सुबह संजय की दूसरी बहन हेमलता अपने पति श्रीकांत और डेढ़ साल के बेटे प्रतीक के साथ अपने पीहर में पहुंची थी। वो रक्षाबंधन पर पीहर नहीं आ पाई थी तो वो अब कुछ दिन बाद अपने भाई संजय को राखी बांधने वहां आई थी। मां मीराबाई राठी, छोटी बहन प्रीति और भाभी बबीता ने उसका जोरदार स्वागत किया था।
इधर तब तक घर में काम करने वाली नौकरानी सत्यभामा भी आ गई थी। इधर श्रीकांत के आने का समाचार मिलने पर संजय भी अपने बहनोई से मिलने के लिए दोपहर एक बजे के करीब घर आ गया था। इसके बाद दोपहर 2 बजे श्रीकांत अपने ससुर केसरीमल से मिलने के लिए संजय के साथ उनकी दुकान पर चला गया।
दुकान पर संजय और श्रीकांत को शाम के 7 बज गए थे। वैसे तो संजय दुकान से लेट ही घर जाता था लेकिन उस दिन बहनोई श्रीकांत आया हुआ था तो दोनों 7 बजे ही घर के लिए रवाना हो गए थे।
बाइक से दोनों अपार्टमेंट तक पहुंचे। फ्लैट पर ताला लगा था। आखिर सभी कहां गए हैं… दोनों ये सोच ही रहे थे कि संजय ने श्रीकांत को कहा- ‘हो सकता है बबीता को लेकर हॉस्पिटल गए हो।’ इस पर संजय ने कहा- ‘लेकिन सत्यभामा को तो घर पर ही होना चाहिए था।’
एक अखबार की कटिंग। एक घर में 7 लोगों का मर्डर पूरे शहर के दिल दहला देने वाली घटना थी।
नौकरानी के पति ने बताया- वो भी घर नहीं पहुंची
दोनों ने काफी देर तक बंद फ्लैट के बाहर इंतजार किया। इतने में सत्यभामा का पति दामो सुथार भी वहां आ गया। उसने बताया कि- ‘अभी तक सत्यभामा घर नहीं लौटी, इसलिए वो उसे ले जाने आया है।’ दामों की बातें सुनने के बाद तो संजय और श्रीकांत की चिंता और बढ़ गई।
संजय ने अपने सभी रिश्तेदारों को फोन लगाया, लेकिन किसी का कुछ पता नहीं चला। श्रीकांत ने उसे कहा- ‘हो सकता है कि वो सभी दुकान चले गए हो।’ इस पर संजय ने पिता केसरीमल को भी फोन लगाया, वो दुकान पर ही थे। केसरीमल ने बताया कि परिवार की महिलाएं और बच्चे वहां भी नहीं गए।
इसके बाद संजय और श्रीकांत फ्लैट की एक्स्ट्रा चाबी लेने के लिए दुकान पहुंचे। चाबी लेकर दोनों वापस लौटे और फ्लैट का दरवाजा खोला। दरवाजा खोलते ही अंदर का मंजर देख संजय, श्रीकांत और दामों के होश उड़ गए।
घर के अलग-अलग हिस्सों में मिली 7 लाशें
घर में चारों और खून ही खून बिखरा हुआ था। वहीं किचन से लेकर कमरों और बाथरूम में उनके परिवार के सदयों की खून से लथपथ लाशें पड़ी थीं। किचन में नौकरानी सत्यभामा का शव था। बाथरूम में संजय की बहन प्रीति की लाश पड़ी थी।
एक कमरे में मीराबाई राठी और श्रीकांत के बेटे प्रतीक के शव थे। वहीं, दूसरे कमरे में श्रीकांत की पत्नी और संजय की बहन हेमलता का शव था। तीसरे कमरे में संजय की प्रेग्नेंट पत्नी बबीता और ढाई साल के बेटे चिराग राठी के शव थे।
ये खौफनाक मंजर देखकर संजय, श्रीकांत और दामो बदहवास होकर चिल्लाने लगे। उनकी आवाजें सुनकर आस पास के लोग भी वहां पहुंच गए। उस फ्लोर के लगभग सभी फ्लैट पर बाहर से चेन लगाईं हुई थी ताकि कोई चाहकर भी बाहर न आ पाए। राठी परिवार के फ्लैट में उन लोगों ने जो कुछ देखा वो होश उड़ाने वाला था।
लोगों ने पुलिस को फोन किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गए। तब तक नीचे से आए दूसरे लोगों ने बाकी फ्लैट के बाहर लगी चेन को हटा दिया था और मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई थी।
पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और इन्वेस्टिगेशन शुरू की। संजय राठी से पुलिस ने पूछताछ की। पूछताछ में संजय ने बताया कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है।
घटना से जुड़ी अखबार की कटिंग। पुलिस के लिए केस जल्द से जल्द सुलझाना सबसे बड़ी चुनौती था।
घर से गायब थे रुपए और लाखों के गहने
पुलिस ने संजय को चेक करने के लिए कहा कि घर से कोई कीमती सामान, जेवर या नकदी तो गायब नहीं है? चेक करने पर पता चला कि घर से कीमती सामान, जेवरात और लाखों का कैश भी गायब है। संजय ने तुरंत पुलिस को ये जानकारी दी।
इसके बाद पुलिस के सामने ये तो साफ हो गया कि इतना बड़ा हत्याकांड लूटपाट के लिए ही अंजाम दिया गया है। इसके साथ ही ये भी साफ था कि हत्याकांड को अंजाम देने वाला शख्स कोई परिचित ही था। क्योंकि घर में कहीं भी जबरन घुसने या हाथापाई के निशान नहीं थे। ये बात भी चौंकाने वाली थी कि फ्लैट में 7 लोगों का मर्डर हुआ, लेकिन आस-पड़ोस में किसी ने भी चीखने या चिल्लाने की आवाजें नहीं सुनी थी।
पुलिस ने संजय की मदद से उन लोगों की लिस्ट बनानी शुरू की जो इस घर में आते-जाते थे। साथ ही उन लोगों की लिस्ट भी जिनसे संजय और उसके परिवार वालों की नहीं बनती थी। इसके अलावा संजय की दुकान में काम करने वालों की भी लिस्ट बनाई गई। अब सैकड़ों संदिग्धों के नाम पुलिस के पास थे, लेकिन उनमें हत्यारे को ढूंढना आसान नहीं था।
पुणे शहर में इतने बड़े हत्याकांड के बाद भी पुलिस के हाथ खाली थे। हत्यारों को लेकर कोई सुराग पुलिस के पास नहीं था। अख़बारों से लेकर टीवी चैनलों तक हर जगह पुलिस पर सवालियां निशान खड़े हो रहे थे।
आखिर हत्याकांड के अगले दिन संजय राठी का एक शक पुलिस के लिए इस हत्याकांड के खुलासे के लिए पहला सुराग बना। इसके बाद पुणे पुलिस की जांच महाराष्ट्र से राजस्थान पहुंची। यहीं केस की कड़ी से कड़ी खुलती गई और एक के बाद एक तीन हत्यारे पकडे़ गए।
कौन थे ये तीनों हत्यारे?
क्या राठी परिवार उन्हें जानता था?
क्या सिर्फ लूटपाट के लिए इतनी बेरहमी से महिलाओं और बच्चों का मर्डर किया गया?
कल पार्ट 2 में पढ़िए, इन सभी सवालों के जवाब…
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