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कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व में उदयपुर जिले की फुलवारी की नाल सेंचुरी के साथ ही सायरा रेंज का हिस्सा भी शामिल होगा। इसके अलावा सिराेही जिले के माउंट आबू का क्षेत्र भी इसमें शामिल किया जाएगा। इस टाइगर रिजर्व में कुंभलगढ़ सेंचुरी का 610 वर्ग किमी और रावली टा
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माउंट आबू, फुलवारी और कुंभलगढ़ सेंचुरी आपस में जुड़ने से दक्षिणी राजस्थान में यह हिस्सा टूरिस्ट सर्किट के रूप नया क्षेत्र बनेगा। इससे सालभर पर्यटन बूम पर रहेगा और स्थानीय लाेगाें काे राेजगार के अवसर भी मुहैया होंगे। माउंट आबू, फुलवारी, कुंभलगढ़ और गुजरात के वन क्षेत्राें में भालुओं का मूवमेंट रहता है। वन्यजीवाें का यहां पहले से प्राकृतिक काॅरिडाेर बना हुआ है। टाइगर भी गुजरात तक मूवमेंट कर सकेंगे।
कमेटी करेगी सर्वे, फॉरेस्ट ब्लाॅक-माइनिंग जैसे बिंदु जांचेगी
रिजर्व के काेर और बफर जाेन के निर्धारण काे लेकर एक्सपर्ट पैनल की सोमवार को सीसीएफ कार्यालय में बैठक भी हुई। इसमें नए क्षेत्रों को शामिल करने के लिए कमेटी गठन का निर्णय हुआ। कमेटी में 11 सदस्य होंगे। यह अगले ढाई माह में इस एरिया में फाॅरेस्ट के ब्लाॅक्स, हाईवे, माइनिंग आदि का सर्वे कर खाका बनाएगी। इसी के आधार पर प्राेजेक्ट को आगे बढ़ाने की दिशा में काम हाेगा।
कमेटी की ओर से 31 अक्टूबर तक रिपाेर्ट बनाकर सरकार को साैंपी जाएगी। कमेटी में सीसीएफ वन्यजीव चेयरमैन, डीएफओ राजसमंद सदस्य सचिव और सीसीएफ उदयपुर, डीएफओ उदयपुर, डीएफओ पाली-राजसमंद, पाली कलेक्टर, भारतीय वन्यजीव संस्थान, सेवानिवृत्त आईएफ, पत्रकार आदि सदस्य हाेंगे। बैठक में सीसीएफ सीआरवी मूर्थी, सीसीएफ सुनील छिद्री, डीएफओ राजसमंद सुदर्शन शर्मा, डीएफओ मुकेश सैनी, डीएफओ अजय चित्ताैड़ा सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी माैजूद रहे।
संभावनाएं तलाश रहे, सर्वे के बाद निर्णय
डीएफओ सुदर्शन शर्मा का कहना है कि कुंभलगढ़ रिजर्व में टाइगर काे बसाने के लिए नए एरिया जोड़ने के संबंध में संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। एक्सपर्ट कमेटी नए एरिया में माैका-मुआयना करेगी। इसके बाद प्राेजेक्ट को लेकर अपनी राय रखेगी। अगर नए हिस्से शामिल हुए तो दक्षिणी राजस्थान में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म काे बढ़ावा मिलेगा।
प्राकृतिक काॅरिडाेर का काम करेगा
कुंभलगढ़ का वन क्षेत्र उदयपुर की सायरा रेंज, देवला रेंज, फुलवारी की नाल, गुजरात के पाेलाे फाॅरेस्ट और माउंट आबू से जुड़ा है। आबू का एरिया गुजरात के जेसोर स्लॉथ बीयर से जुड़ा है। ऐसे यह फाॅरेस्ट एरिया टाइगर के लिए प्राकृतिक काॅरिडाेर के रूप में काम करेगा।
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