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रायपुर, एजेंसियां। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार बंजर भूमि की समस्या से निपटने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। रायपुर में विश्व हाथी दिवस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री यादव ने हाथियों के संरक्षण के लिए भारत की भागीदारी से किए गए प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हाथियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका रही है। यादव ने हाथियों के संरक्षण एवं मानव कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अंतर-क्षेत्रीय जुड़ाव की आवश्यकता पर बल दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बंजर होती भूमि चिंता का प्रमुख कारण बन गया है और इसलिए केंद्र ने बजट में प्राकृतिक खेती को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता का संरक्षण भी एक बड़ी चुनौती है और सभी देशों को इस दिशा में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आगे आना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि भारत में हाथी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने देश में मानव-हाथी संघर्ष को कम करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यदि हम हाथियों को बचाएंगे तो जंगल समृद्ध होंगे, क्योंकि हाथी वास्तविक वनरक्षक हैं और बिना किसी पदनाम के इसकी रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में 33 हाथी अभयारण्य और देश में 150 हाथी गलियारे हैं। उन्होंने मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए हाथियों की आवाजाही के बारे में लोगों को सचेत करने के संबंध में रेडियो माध्यम का उपयोग करने को लेकर छत्तीसगढ़ के वन विभाग की भी सराहना की।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री साय और केंद्रीय मंत्री ने राज्य में वन विभाग की ई-ऑक्शन प्रणाली का उद्घाटन किया।
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