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अजमेर निवासी युवक की अफ्रीका में छह मंजिला बिल्डिंग से गिरने से मौत के मामले में नया मोड़ आया है। कंपनी प्रतिनिधियों ने मृतक के परिजनों के आरोपों को झूठा करार दिया है। कंपनी के प्रतिनिधि हरीश कुमार वासवानी ने शनिवार को बयान जारी कर बताया कि मृतक नरेश
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वासवानी ने बताया की 24 दिसंबर को नरेश ने कंपनी में सेल्स मैनेजर के पद पर कार्य शुरू किया था। करीब सात महीने के दौरान उसके खिलाफ कई शिकायत गबन की मिली थीं। इसकी जांच के लिए ऑडिट करवाई गई तो पता चला कि करीब दो करोड़ रुपए कंपनी का गबन किया गया है। यह पैसा देश के बाहर भारत व अन्य जगहों पर हवाला के जरिए भेजा गया। नरेश ने निधन से पहले करीब 90 लाख रुपए गबन की बात स्वीकार की थी जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग है। कंपनी द्वारा पहले ही अफ्रीका में नवरेश के खिलाफ गबन का मामला दर्ज कराया था। अफ्रीका पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह है मृतक के परिजनों के आरोप
नरेश फतलानी के भाई हर्ष फतलानी ने बताया कि नरेश ने हरिओम ट्रेवल्स फर्म में ज्वाइन करने के बाद करीब एक महीने बाद फोन पर जानकारी दी थी कि फर्म का मैनेजर अजय और संचालक उसे टॉर्चर कर रहे हैं। पासपोर्ट भी छीन लिया है। उसे बंधक बनाकर रखा हुआ है। उस पर दबाव डाला जा रहा है कि मार्केट में फर्म की बकाया राशि वसूल कर लाओ या खुद भुगतान करो। नरेश को झूठे आरोप में फंसाकर जेल भिजवाने तक की धमकी दी गई और फर्म के संचालक ने परिजन से दो करोड़ रुपए की मांग की थी, रुपए नहीं देने पर नरेश की हत्या कर लाश कैमरून में ही दफनाने की धमकी दी थी। बाद में परिजन को सूचित किया गया कि नरेश छह मंजिला बिल्डिंग से गिर गया है।
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