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नागौर के खींवसर अस्पताल में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि चिकित्सा मंत्री गजेंद्रसिंह खींवसर ने बेटियों को कृमि नाशक टेबलेट खिलाकर राज्यस्तरीय अभियान की शुरूआत की। चििकत्सा मंत्री गजेंद्रसिंह खींवसर ने मायड़ भाषा
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इस मौके पर चिकित्सा मंत्री ने कहा कि इस साल कृमि मुक्ति दिवस पर राज्य में 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के लगभग 3.33 करोड़ बच्चों व किशोर-किशोरियों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण और बौद्धिक विकास पर भी हानिकारक प्रभाव डालता है। ऐसे में निश्चित समय के बाद कृमि मुक्ति (डिवर्मिंग) करने से कृमि संक्रमण (पेट के कीडो की समस्या) के फैलाव को रोका जा सकता है। कृमि संक्रमित मिट्टी, अस्वछता और गंदगी से फैलती है। इससे बच्चों के पेट में कीड़े पैदा होते हैं, जिससे इन्फेक्शन होता है। इसलिए बच्चों को 6 महीने में एक बार कृमि रोधी टेबलेट जरूर देनी चाहिए।
कार्यक्रम में विभाग के आरसीएच डायरेक्टर डॉ. सुनीतसिंह राणावत ने कहा कि कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास, हिमोग्लोबिन स्तर, पोषण एवं बौद्धिक विकास के लिए उन्हें कृमि मुक्त रखना जरूरी है। पेट में कीड़े (कृमि) से निजात दिलाने वाली एल्बेंडाजॉल की दवा प्रदेश के सभी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनबाड़ी केंद्रों में फ्री खिलाई जाएगी। इस अभियान से वंचित बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाने के लिए 17 अगस्त को मॉपअप दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर खींवसर प्रधान सीमा बीड़ियासर, खींवसर राजू देवी को पौधा व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में संयुक्त निदेशक डॉ. संपतसिंह जोधा व सीएमएचओ डॉ. राकेश कुमावत ने आभार जताया।
इनपुट सहयोग:- प्रकाश तंवर
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