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दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया 530 दिन बाद जेल से बाहर आ चुके हैं। उनके बाहर आने से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में भारी उत्साह है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कुछ शर्तों के साथ दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत दे दी है। चूंकि कोर्ट ने उनपर सीएम अरविंद केजरीवाल जैसी शर्त नहीं लगाई है इसलिए माना जा रहा है कि वे जल्द दिल्ली कैबिनेट में वापसी करेंगे। आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने इसे लेकर संकेत भी दिया है। हालांकि उनकी वापसी में एक अड़चन है।
दिल्ली में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम सात मंत्री हो सकते हैं। संविधान के अनुच्छेद 239AA के अनुसार, दिल्ली मंत्रिमंडल का आकार विधानसभा के सदस्यों की संख्या के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता। दिल्ली विधानसभा में 70 सदस्य हैं। आप नेताओं ने कहा कि 17 महीने से ज्यादा समय तक जेल में रहने के बाद रिहा हुए सिसोदिया को मंत्रिमंडल में शामिल करने की योजना को सीएम केजरीवाल के परामर्श से अंतिम रूप दिया जा सकता है, जो शराब नीति में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज अलग-अलग मामलों में फिलहाल जेल में बंद हैं।
26 फरवरी को हुए थे गिरफ्तार
नेताओं ने कहा कि यही कारण है कि बैठक कब होगी और किस तरह से सिसोदिया को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा, इस पर अभी फैसला होना बाकी है। पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा से मौजूदा विधायक सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। दो दिन बाद, उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उनके पास आबकारी, वित्त, पीडब्ल्यूडी, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित 18 प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी थी। सिसोदिया के अलावा, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी गिरफ्तार होने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आतिशी और सौरभ भारद्वाज को कैबिनेट में शामिल किया गया और अहम विभागों को उनके बीच बांटा गया।
दोबारा शपथ लेने पर संशय बरकरार
दिल्ली में आप सरकार के गठन से मनीष सिसोदिया का कद नंबर दो रहा है। वह लगातार उपमुख्यमंत्री रहे और दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में कई काम किए। जेल जाने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब उन्हें दोबारा सरकार में शामिल करने पर संशय है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सीएम अभी जेल में हैं, जिसके चलते वे शपथ नहीं ले सकते। पार्टी के नेता इस पर अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं। दिल्ली के शिक्षा मंत्री और वित्त मंत्री के साथ-साथ मनीष ने कई महत्वपूर्ण विभाग संभाले हैं।
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