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हरियाणा में 4 दिन बाद मानसून लौट आया है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने प्रदेश के 14 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में 3-3 घंटे का अलर्ट जारी कर रहा है। ज्यादातर जिलों में बादल छाए हुए हैं, तीन दिनों स
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हालांकि कई जिले ऐसे भी हैं जहां मौसम साफ है। पंचकूला में भी मौसम साफ है। हालांकि रात को एक घंटे तक रुक-रुक कर बारिश हुई। जिन जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है, वहां बारिश के दौरान 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने इन शहरों में बिजली गिरने का भी खतरा जताया है।
किन जिलों में अलर्ट?
हरियाणा के जिन 14 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है, उनमें पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, भिवानी, रोहतक, सोनीपत, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, मेवात, फरीदाबाद और पलवल शामिल हैं। मौसम विभाग ने इन जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। भारी बारिश के अलर्ट का मतलब है 50 से 75 फीसदी बारिश।
इसलिए हैं बारिश के आसार
पंजाब के ऊपर एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने से बंगाल की खाड़ी से मानसून की सक्रियता बढ़ने के आसार हैं। जिसके चलते 9 अगस्त के बीच भी हरियाणा के कई इलाकों में बारिश की संभावना है। कुछ जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है। जिसके चलते तापमान में गिरावट आ सकती है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की अक्षय रेखा उत्तर की ओर सामान्य स्थिति में होने के कारण अगस्त के मध्य में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
5 सालों में सबसे कम बारिश
इस बार हरियाणा में 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2018 में 549 मिमी बारिश हुई थी। 2019 में 244.8 मिमी, 2020 में 440.6 मिमी, 2021 में 668.1 मिमी, 2022 में 472 मिमी, 2023 में 390 मिमी और 2024 में 97.9 मिमी बारिश दर्ज की गई। कम बारिश के कारण राज्य के धान उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल के जरिए सिंचाई करनी पड़ रही है।
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