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पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने से आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है। पार्टी इसे सत्य की जीत बताकर कथित आबकारी मामले को षड्यंत्र बता रही है। लोकसभा चुनावों में सभी सात सीटों पर हार के बाद हरियाणा और फिर दिल्ली के विधानसभा चुनावों की चुनौती आप के सामने है। पहले संजय सिंह और अब मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद पार्टी के सामने नेतृत्व का संकट कम होगा। हरियाणा चुनावों के लिए मनीष पार्टी का प्रमुख चेहरा होंगे तो दिल्ली में भी बंद पड़ी सरकारी योजनाओं और पार्टी नेताओं के बीच समवन्य को बेहतर किया जाएगा।
पार्टी के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी नेतृत्व के संकट से जूझ रही थी। अन्य दलों के साथ समन्वय के साथ-साथ दिल्ली में अपना गढ़ बचाना भी उसके लिए चुनौती है। लगातार तीन बार दिल्ली में सरकार बनाकर आप चौथी बार सरकार बनाने की दौड़ में है। कथित आबकारी घोटाले में पार्टी नेताओं के जेल जाने के बाद नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद दिल्ली की कई विकास योजनाएं भी अटक गईं। लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी के एक मंत्री दूसरी पार्टी से चुनाव लड़े। कई दूसरे नेताओं ने भी झाड़ू का साथ छोड़ा। अब मनीष सिसोदिया की रिहाई से आप कार्यकर्ताओं में उत्साह है।
हरियाणा में प्रमुख चेहरा होंगे
मनीष सिसोदिया हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रमुख चेहरा होंगे। शुक्रवार को आम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संदीप पाठक ने कहा कि वे हरियाणा में प्रमुख चेहरा होंगे। आगे की रणनीति पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी (पीएसी) की बैठक में तय होगी।
जमानत तानाशाही पर तमाचा
जेल से बाहर आने के बाद सिसोदिया ने एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया तो वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करना चाहते हैं, जिसने संविधान का इस्तेमाल करते हुए उन्हें 17 माह बाद जेल से बाहर निकाला। उन्हें जो जमानत मिली है, वह संविधान की वजह से मिली है। यह जमानत तानाशाही पर करारा तमाचा है। राव आंबेडकर का धन्यवाद करना चाहते हैं, जिन्होंने संविधान बनाया।
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