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बालेसर के समीप ग्राम पंचायत भाटेलाई पुरोहितान में एक नंदी की मौत पर उसका विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया। नंदी की अंतिम यात्रा में पूरा गांव उमड़ पड़ा।
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दरअसल, इस नंदी को करीब 15 साल पहले पथमेड़ा गौशाला से लाया गया था। तब से नंदी को गांव वालों ने ही पाला। ऐसे में उसकी मौत पर पूरा गांव दुखी हो गया और उसका पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि अब नंदी की स्मृति में स्मारक बनाया जाएगा। जहां उसकी मूर्ति लगाई जाएगी।
नंदी का पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया।
एडवोकेट चैनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि 15 साल पहले गांव में कोई नंदी नही था तो ग्रामीण पथमेड़ा गौशाला गए और वहां से एक अच्छी नस्ल का नंदी लाये। उस समय उसकी उम्र मात्र ढाई साल थी। तब से नंदी रोजाना गांव के हर घर के आगे सुबह और शाम दोनों समय जाता और लोग उसको रोटी देते थे।
गुरुवार को नंदी का निधन हो गया तो गांव वालों ने शाम के समय अंतिम संस्कार नहीं किया और शुक्रवार को उसे अंतिम विदाई दी गई। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए।
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