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पंचकूला में आंदोलन पर बैठकर नारेबाजी करते हुए वोकेशनल टीचर्स।
हरियाणा में प्रदेश भर के वोकेशनल टीचर्स का आंदोलन सोमवार को 47वें दिन में प्रवेश कर गया है और इस आंदोलन की तपिश अब और भी बढ़ती दिख रही है। पंचकुला में इकट्ठे हुए ये टीचर्स सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, मगर अब तक हरियाणा स
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प्रदेश के स्कूलों का करेंगे बहिष्कार
यह अनशन दोपहर 1 बजे से शुरू होगा, जिसमें महिला टीचर्स 15 अगस्त को आजादी के महोत्सव पर अपने केश मुंडन कर रोष प्रकट करेंगी। 12 अगस्त से सभी वोकेशनल टीचर्स प्रदेश के स्कूलों का बहिष्कार करेंगे और आंदोलन को और भी तेज करेंगे। इनका स्पष्ट कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक वे पंचकुला से हटने वाले नहीं हैं। वोकेशनल टीचर्स को लेकर हरियाणा सरकार अब तक स्पष्टता नहीं दे पाई है कि उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा घोषित नई पॉलिसी में शामिल किया जाएगा या नहीं।
3 जिलों के टीचर्स ने संभाली कमान
47 दिनों से टीचर्स इसी पॉलिसी के आसरे बैठे थे, मगर अब जब पॉलिसी की घोषणा हो चुकी है, तो भी वोकेशनल टीचर्स के शामिल होने को लेकर सरकार की चुप्पी ने उनकी नाराजगी और बढ़ा दी है। गेस्ट टीचर्स और अन्य टीचर्स को शामिल कर लिया गया है, मगर वोकेशनल टीचर्स को लेकर असमंजस बरकरार है। आज जिला करनाल, भिवानी और चरखी दादरी के टीचर्स ने धरने की कमान संभाली है। करनाल से जिला प्रधान रजत कम्बोज और महिला जिला प्रधान मीनाक्षी, भिवानी से महिला जिला प्रधान रसना और परमजीत रोहिल्ला के नेतृत्व में धरना स्थल पर भारी भीड़ जुटी है।
वोकेशनल टीचर्स को पॉलिसी में किया जाए शामिल
वोकेशनल टीचर्स जॉब सिक्योरिटी, हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद में डेप्लॉयमेंट, सैलरी बढ़ोतरी, सर्विस बाय लार्ज 2013 में शामिल कर नियमित करने और कैशलेस मेडिकल सुविधा देने की मांगों को लेकर 24 जून से न्याय आंदोलन पर हैं। शिक्षा विभाग ने स्कूलों में दो प्रकार के वोकेशनल टीचर्स भर्ती किए हुए हैं, जिनमें वेतनमान में 23,900 रुपए का भारी अंतर है। राज्य प्रधान अनूप ढिल्लों का कहना है कि वोकेशनल टीचर्स को भी इस पॉलिसी में शामिल किया जाए, क्योंकि नई शैक्षिक नीति 2020 के अनुसार उनकी स्कूलों में अहम भूमिका रहेगी। वोकेशनल टीचर्स की नाराजगी और आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए अब यह देखना अहम होगा कि सरकार का अगला कदम क्या होगा। क्या वोकेशनल टीचर्स की मांगे पूरी होंगी या आंदोलन और भी उग्र रूप धारण करेगा? इस पर प्रदेश की जनता की निगाहें टिकी हुई हैं।
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