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प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को राजस्थान हाई कोर्ट ने खारिज़ कर दिया हैं। छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने अदालत में जनहित याचिका लगाकर छात्रसंघ चुनाव कराने अथवा चुनाव नहीं कराने की स्थिति में छात्रसंघ चुनाव के लिए जमा क
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याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस जीआर मीना की खंडपीठ ने कहा कि जब याचिकाकर्ता ने खुद ही छात्रसंघ चुनाव की फीस को वापस करने के लिए आवेदन कर रखा है तो उसकी इस संबंध में दायर की गई पीआईएल पर जनहित का मुद्दा मानकर सुनवाई नहीं की जा सकती हैं।
अदालत ने पीआईएल को खारिज करते हुए इसे सामान्य याचिका के तौर पर संबंधित एकलपीठ के सामने सूचीबद्द करने के लिए कहा है।
छात्रसंघ चुनाव के लिए यूनिवर्सिटी ने वसूले 63 लाख
जनहित याचिका में कहा गया था कि यूनिवर्सिटी प्रत्येक छात्र से छात्रसंघ चुनाव के लिए 145 व मेंबरशिप के लिए 110 रुपए यानि 255 रुपए वसूलती है। सभी छात्रों से वूसली इस राशि को जोड़ें तो यह करीब 63 लाख रुपए से ज्यादा बैठती है। लेकिन छात्रसंघ फीस वसूलने के बाद भी यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव नहीं कर रही हैं।
इसलिए राजस्थान यूनिवर्सिटी को छात्रसंघ चुनाव कराए जाने का निर्देश दिया जाए अन्यथा छात्रों से इस मद में वसूली राशि को वापस किया जाए। खंडपीठ ने प्रार्थी की दलीलों को सुनकर कहा कि उसने खुद ही छात्रसंघ की फीस को वापस करने के लिए आवेदन कर रखा है और ऐसे में यह मुद्दा जनहित का नहीं रह जाता। इसलिए इसे पीआईएल के तौर पर नहीं सुन सकते हैं।
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