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दौसा सांसद मुरारीलाल मीना ने शुक्रवार को लोकसभा में शून्यकाल में दो मुद्दे उठाए। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के महत्वपूर्ण मुद्दे पर कहा कि राजस्थान में देश का 10.41 प्रतिशत भू-भाग और 13.88 प्रतिशत कृषि क्षेत्र होने के बावजूद, राज्य के पास दे
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वर्ष 2022 के सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य के 302 में से 264 ब्लॉकों में पानी का अत्यधिक दोहन हो चुका है, जिससे वे गंभीर स्थिति में हैं, जबकि शेष 38 ब्लॉक भी तेजी से डार्क जोन में परिवर्तित हो रहे हैं जो कि चिन्ता का विषय है। पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों (वर्तमान में 21 जिले) में पीने और सिंचाई के जल की समस्या का समाधान करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए ERCP योजना, जो 2016-17 में तत्कालीन राजस्थान सरकार द्वारा 50 प्रतिशत जल निर्भरता पर बनाई गई थी, से 3921 MCM पानी मिलना था। लेकिन, इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना तो घोषित नहीं किया गया परन्तु नए MOU में मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच PKC रिवर लिंक के नाम से 75 प्रतिशत जल निर्भरता पर किया गया है जिससे राजस्थान को मात्र 1775 MCM पानी ही मिलेगा, जो कि बहुत कम है।
इसलिए, राजस्थान की विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मैं केंद्र सरकार से निवेदन करता हूँ कि इस योजना की समीक्षा कर इसे पुनः 50 प्रतिशत निर्भरता पर ही लागू किया जाए। अन्यथा, यह राजस्थान के साथ एक गंभीर अन्याय होगा।
आदिवासी दिवस पर घोषित हो राष्ट्रीय अवकाश
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हर वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है, जो आदिवासी समुदायों की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और उनके बहुमूल्य योगदानों को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस विशेष अवसर पर राजस्थान सरकार ने राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का निर्णय लिया है। ऐसे में भारत सरकार द्वारा भी इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए, ताकि पूरे देश में आदिवासी समुदाय के योगदान को सम्मान मिल सके।
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