[ad_1]
स्टूडेंट की पहचान उनके ड्रेस से होती है। पूरे प्रदेश में नया शिक्षण सत्र 17 जून से शुरू हो गया है, लेकिन विद्यार्थी अभी भी यूनिफॉर्म का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षण सत्र शुरू होने के डेढ़ महीने बीतने के बाद भी बच्चों को यूनिफॉर्म नहीं मिली। स्टूडेंट एक
.
जानकारी के मुताबिक प्राथमिक से माध्यमिक कक्षाओं में पढ़ रहे 99 हजार 794 लगभग एक लाख स्टूडेंट्स की शुरुआती पढ़ाई जून से शुरू हुई। लेकिन अब तक उन्हें यूनिफॉर्म मुहैया नहीं कराई गई। वहीं अब तक स्कूल को इस संबंध में प्रशासन से कोई आदेश नहीं मिले हैं।
बच्चों को डेढ़ माह से यूनिफॉर्म का इंतजार
गांव फूलमोगरा के जमशेद खान का कहना है कि पिछले साल भी सत्र बीतने के बाद राशि मिली थी। वहीं इस बार सत्र शुरू होने के डेढ़ महीने बाद भी यूनिफॉर्म के लिए राशि नहीं मिली है। पहले यूनिफॉर्म की राशि सीधे खातों में डाली जाती थी। अभिभावक स्वयं बच्चों के कपड़ों की खरीदी करते थे, लेकिन अब स्व-सहायता समूहों से यूनिफॉर्म तैयार कराई जाती है। जिससे हर बार लेटलतीफी होती है। अभिभावकों का कहना कि सरकारी स्कूलों में सभी सुविधा मुहैया कराने की बात कही जाती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। सत्र शुरू होने के कुछ दिन बाद ही बच्चों को यूनिफॉर्म मिलनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
आठवीं तक के सभी छात्रों को दी जाती है यूनिफॉर्म
प्रदेश के शासकीय स्कूलों में स्टूडेंट्स को ड्रेस, साइकिल और किताबों सहित मध्याह्न भोजन की सुविधा नि:शुल्क दी जाती है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा कक्षा 1 से 8वीं तक के सभी छात्रों को ड्रेस दी जाती है। छठवीं में पढ़ने वाले ऐसे छात्र जिनके गांव में मिडिल स्कूल नहीं है, उनको साइकिल दी जाती है। वहीं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन द्वारा कक्षा 9वीं के छात्रों को पात्रता अनुसार साइकिल दी जाती है।
जिले के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की स्थिति
ब्लॉक | यूनिफॉर्म का लक्ष्य |
सीहोर | 26722 |
आष्टा | 23280 |
इछावर | 15447 |
बुदनी | 11602 |
भैरुंदा | 22743 |
कुल | 99794 |
नहीं आया शासन का आदेश
इस मामले में सीहोर डीपीसी आरआर उइके का कहना है कि पिछले सत्र में यूनिफॉर्म के पैसे बच्चों के अकाउंट में डाल दिए गए थे। लेकिन इस बार अभी तक शासन से कोई आदेश या बजट जारी नहीं किया गया है।
[ad_2]
Source link