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सैंपऊ पंचायत समिति में भी करोड़ों रुपए का घोटाला निकलकर सामने आया है।
धौलपुर जिले की पंचायत समिति सैंपऊ में बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा सामने आया है। बाड़ी पंचायत समिति के बाद अब सैंपऊ पंचायत समिति में भी करोड़ों रुपए का घोटाला निकलकर सामने आया है। जांच में पंचायत समिति सैंपऊ के प्रधान तुलसीराम कुशवाह, तत्कालीन वीडीओ अनूप स
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बाड़ी विधायक जसवंत सिंह गुर्जर के द्वारा सैंपऊ और बाड़ी पंचायत समिति में हुए कार्यों को लेकर सरकार के संबधित मंत्री से फर्जीवाड़े की शिकायत की गई थी। जिस पर मंत्री मदन दिलावर के द्वारा मामले को गंभीरता से लिया गया। जिसके बाद मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद धौलपुर सुदर्शन सिंह तोमर के नेतृत्व में गठित कमेटी के द्वारा पूरे प्रकरणों की जांच की गई। अलग-अलग प्रकरणों में की गई जांच में बड़े स्तर का घोटाला निकल कर सामने आया है। पंचायत समिति सैंपऊ में बाल पेंटिंग कार्य का दर अनुमोदन और कार्यदेश पत्रांक नरेगा/ 2022/ 271- 77 दिनांक 24 दिसंबर 2022 द्वारा पंचायत समिति की अधीनस्थ सभी ग्राम पंचायत में नरेगा योजना अंतर्गत वॉल पेंटिंग कार्य कराए जाने के लिए सौरभ नवजीवन संस्थान धौलपुर नामक फर्म को कार्यदेश जारी किया गया था। इस कार्य के बिल का भुगतान एफवीसी बिल नंबर 33 दिनांक 1 फरवरी 2023 को 25 लाख 61 हजार 394 का सौरभ नवजीवन संस्थान धौलपुर को किया गया।
इस मामले की कमेटी के द्वारा पेंटिंग कार्य का भौतिक सत्यापन करने के लिए कई ग्राम पंचायत में भ्रमण किया। जिसमें एक भी ग्राम पंचायत में बाल पेंटिंग का कार्य होना नहीं पाया गया। कमेटी को एक भी ग्राम पंचायत में मौके पर बाल पेंटिंग का कार्य होना नहीं पाए जाने के बाद इस मामले में भौतिक सत्यापन रिपोर्ट मांगी गई। जिसमें उन फर्जकारों के द्वारा कोई भी बिल या अन्य कागजात प्रस्तुत नहीं किया गया। जिससे जांच में पूरी तरह फर्जीवाड़ा किया जाना साबित हुआ।
जांच में माना दोषी
पूरे मामले में कमेटी के अध्यक्ष और सभी सदस्यों ने पंचायत समिति प्रधान तुलसीराम कुशवाह, तत्कालीन पंचायत समिति कार्यवाहक वीडियो अनूप सिंह मीणा, सहायक लेखा अधिकारी द्वितीय मंगल सिंह कुशवाह और संबंधित फर्म को साफ तौर से दोषी माना गया है।
पूरे मामले को लेकर जिला परिषद धौलपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुदर्शन सिंह तोमर ने साफ तौर से कहा है कि पंचायत समिति में पूरे मामलों की बिंदुवार जांच हुई है। जिसमें गबन का मामला सामने आया है। उनके द्वारा सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में कोई भी बदलाव नहीं हो सकता। मामले में सरकार के आदेश के बाद एक्ट के तहत दोषियों के खिलाफ जो भी कार्रवाई होगी अमल में लाई जाएगी।
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