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पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
‘मैं अपने कमरे में पलंग पर बैठे– बैठे मोबाइल देख रही थी। गेट अंदर से पूरी तरह से बंद नहीं था। तभी पड़ोस में रहने वाले अभिनव और शुभम अंदर दाखिल हुए। मुझे देखते ही गालियां देना शुरू कर दी और मेरा हाथ पकड़ लिया। मैं चिल्लाई तो भीतर सो रहा मेरा भाई आया।
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ये आपबीती है 20 साल की उस युवती की, जिसके साथ घर में घुसकर दो युवकों ने छेड़छाड़ की है। दरअसल, गुरुवार सुबह सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। ये वीडियो भोपाल के मिनाल रेसिडेंसी के एक फ्लैट का था, जिसमें दो लड़के युवती के साथ झूमाझटकी कर रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद भोपाल की पिपलानी पुलिस ने दोपहर को आरोपियों को गिरफ्तार किया। उन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जहां से उन्हें जमानत मिल गई।
भास्कर ने इस पूरे मामले में पीड़िता और उसके भाई से बात की। पीड़िता ने बताया कि वो अस्थमा की मरीज है और कल रात के हादसे के बाद से उसकी तबीयत खराब है। पीड़िता ने ये भी कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस ने बहुत देरी से एफआईआर दर्ज की। वहीं पुलिस का कहना है कि घटना के एक घंटे के भीतर ही एफआईआर दर्ज कर ली गई थी।
गुरुवार को सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें आरोपी अभिनव और शुभम युवती का हाथ पकड़ कर रहे हैं।
पीड़िता ने भास्कर को पूरी कहानी बताई….
मैं रीवा जिले की रहने वाली हूं और भोपाल में एक कंपनी में फंड मैनेजमेंट का काम संभालती हूं। यहां मिनाल रेसिडेंसी के फ्लैट में अपने भाई (ताऊ के बेटे) के साथ पिछले 6 महीने से रह रही हूं। मेरा भाई एलएनसीटी कॉलेज से बीटेक फाइनल ईयर कर रहा है।
हमारे फ्लोर के पहले फ्लैट में एक लड़का रहता है, जिसका नाम अभिनव है। उसका एक और दोस्त शुभम अक्सर उसके यहां आता रहता है। ये लोग अपने दोस्तों के साथ हर दिन शराब पीकर हंगामा करते थे। मैं इनके डर की वजह से रात 10 बजे के बाद गैलरी में रखे डस्टबीन में कचरा तक डालने नहीं जाती थी।
वे बहुत बार मुझ पर भद्दे कमेंट कर चुके थे। मैं इसलिए चुप रही क्योंकि मुझे मेरे भाई की चिंता थी। इनके शहर में बहुत से दोस्त हैं, लेकिन हम यहां अकेले हैं। इनकी हरकतों से बिल्डिंग के बाकी लोग भी परेशान थे।
हमारा फ्लैट ग्राउंड फ्लोर पर है तो ये एंट्री गेट के पास बनी सीढ़ियों पर बैठकर ही शराब पीते, आने जाने वाले पर अपना रौब जमाते। एक बार इन्होंने मेरे भाई पर भी रौब जमाने की कोशिश की, लेकिन उसने उनकी बात नहीं मानी।
कुछ दिनों पहले इन्होंने मेरे भाई की बाइक की सीट फाड़ दी थी और उस पर गालियां लिख दी थीं। उसके बाद हेडलाइट्स तोड़ दी। दोनों बार भाई ने सिक्योरिटी इंचार्ज को शिकायत की, लेकिन इंचार्ज ने सीसीटीवी खराब होने का हवाला देकर कोई एक्शन नहीं लिया।
मिनाल रेसिडेंसी में इनमें से एक फ्लैट में पीड़िता रहती है।
भाई नहीं होता तो पता नहीं क्या होता- पीड़िता
पीड़िता ने 7 जुलाई को हुए घटनाक्रम के बारे मे बताते हुए कहा कि मैं अपने कमरे में बैठी थी। फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद नहीं था। तभी हमारे पड़ोस में रहने वाले दो लड़के अभिनव और शुभम अंदर घुस आए। मुझे देखते ही गालियां देने लगे और मेरा हाथ पकड़ लिया।
मैं चिल्लाई तो अंदर के कमरे से भाई आया। उसको देखते ही दोनों मेरे भाई को भी पीटने लग गए। किसी तरह हमने उन्हें बाहर निकाला और अंदर से गेट बंद किया। उसके बाद मैंने कॉलोनी में रहने वाले परिचित को कॉल किया। उन लोगों ने भी कुछ लोगों को बुला लिया था।
हम बाहर निकले और डायल 100 को कॉल किया। उन्होंने मेरे भाई को देखते ही फिर से उसे पीटना शुरू कर दिया। कॉलोनी के लोग इकट्ठा हो गया। कुछ लोग ही बीच बचाव करने पहुंचे, बाकी लोग वीडियो बना रहे थे।
मिनाल रेसिडेंसी के गार्ड भी तमाशा देख रहे थे। किसी ने हमारी मदद नहीं की। करीब डेढ़ घंटे बाद डायल 100 आई, जिसमें केवल एक पुलिस वाला था। उसे सारी घटना बताई। तब तक दोनों लड़के वहीं पर मौजूद थे। पुलिस वाला ये कहकर चला गया कि थाने जाकर केस दर्ज कराओ।
भाई बोला- उन्होंने सोचा मैं बाहर टहल रहा हूं और बहन घर में अकेली है
पीड़िता के भाई ने बताया कि मैं रात 11:30 बजे अपने एक दोस्त के साथ अपार्टमैंट के बाहर टहल रहा था। ये लोग गैलरी में चक्कर लगा रहे थे। इन लोगों ने मुझे बुलाया, लेकिन मैंने उन्हें तवज्जो नहीं दी। उस वक्त दोनों शराब के नशे में थे।
कुछ देर बार मैंने देखा कि गैलरी में दोनों नहीं थे। मैं भी अपने फ्लैट पर जाकर सो गया। कुछ देर बाद ही दोनों कमरे में दाखिल हुए। उन लोगों ने सोचा होगा कि मैं अपने दोस्त के साथ जा चुका हूं और घर पर दीदी अकेली हैं।
मैं अपने कमरे में था। दीदी की जोर से चिल्लाने की आवाज आई तो मैं बाहर निकला। वे मेरे साथ भी मारपीट करने लगे। मैंने फोन से वीडियो बनाने की भी कोशिश की।
पीड़िता बोली- पुलिस ने सहयोग नहीं किया
पीड़िता ने कहा कि रात में ही हम मामले की शिकायत करने थाने पहुंचे तो हमें काफी देर तक बैठना पड़ा। वहां कोई महिला पुलिसकर्मी ही नहीं थी। जब वो पहुंची तब जाकर शिकायत दर्ज की। शुरू में तो पुलिस सुनवाई ही नहीं कर रही थी।
पीड़िता ने बताया कि दूसरे दिन भी पुलिस ने सहयोग नहीं किया। थाने से मेडिकल के लिए पहुंचे और फिर कोर्ट। यहां तीन घंटे तक बयान दर्ज करने के लिए बैठे रहे। जब हम पुलिस स्टेशन में थे तो पुलिस ने कहा कि काेर्ट तक जाने के लिए टेम्पो बुक कर लो या अपनी गाड़ी से चली जाओ। साथ में महिला पुलिसकर्मी को भी ले जाना, क्योंकि हमारे पास तुम्हें ले जाने के लिए वाहन नहीं है।
पुलिस बोली- एक घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज कर ली थी
इस मामले में भास्कर ने अयोध्या नगर थाने के टीआई महेश लिल्हारे से बात की तो उन्होंने कहा कि पीड़िता ने डायल 100 पर कॉल किया था। हमें कंट्रोल रूम से जैसे ही पता चला तो मौके पर पुलिस पहुंची थी, लेकिन तब तक आरोपी भाग चुके थे।
युवती थाने पहुंची तो यहां कोई महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी। महिला पुलिसकर्मी को रात के वक्त थाने पहुंचने में समय तो लगेगा ही। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। दोनों को गुरुवार को उनके दोस्त के घर से गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया।
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