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गुरुवार रात 9 बजे तवा बांध के गेट सीजन में तीसरी बार खोले गए।
मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से जबलपुर, शहडोल, सागर और रीवा संभाग के 21 जिलों में 11 से 15 अगस्त के बीच बारिश नहीं होगी। यहां मौसम साफ रहेगा और धूप खिली रहेगी। पश्चिमी हिस्से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, नर्मदापुरम, उज्जैन और चंबल में गरज-चमक और बूंदाबांदी का
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मौसम विभाग ने शुक्रवार को भिंड, दतिया, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, रीवा, सीधी, मऊगंज, डिंडौरी, अनूपपुर, सीहोर, विदिशा, रायसेन में तेज बारिश होने का अलर्ट किया है। 10 अगस्त को टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना और दमोह में तेज बारिश का अलर्ट है। बाकी जिलों में बूंदाबांदी, आंधी और गरज-चमक की स्थिति रहने की संभावना है।
गुरुवार रात 9 बजे तवा बांध के गेट सीजन में तीसरी बार खोले गए। बांध का लेवल 1161.50 फीट हो गया। यह 86% भर गया है। जलभराव वाले एरिया में बारिश और गवर्निंग लेवल को देखते हुए 5 गेटों से 1598 क्यूबिक मीटर/सेकंड पानी छोड़ा जा रहा है।
इसलिए ऐसा मौसम
आईएमडी भोपाल के वैज्ञानिक प्रकाश दामले ने बताया, ‘अभी राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। मानसून ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। अन्य सिस्टम की एक्टिविटी के चलते प्रदेश में अगले 2 दिन तेज बारिश होने का अनुमान है, लेकिन 11 से 15 अगस्त तक पूर्वी प्रदेश में मौसम साफ हो जाएगा। पश्चिमी हिस्से में जरूर हल्की गरज-चमक और बूंदाबांदी हो सकती है।’
गुना में डेढ़, बैतूल में 1 इंच बारिश
प्रदेश के कई जिलों में गुरुवार को कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, गुना में डेढ़ इंच, बैतूल में 1 इंच, पचमढ़ी में आधा इंच बारिश हुई। भोपाल, ग्वालियर, खंडवा, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, उमरिया और बालाघाट के मलाजखंड में भी हल्की बारिश दर्ज की गई।
सीजन की 68% बारिश, 25.4 इंच पानी गिरा
प्रदेश में सीजन की 68% यानी औसत 25.4 इंच बारिश हो चुकी है। यह नॉर्मल से 3.9 इंच ज्यादा है। अब तक 21.5 इंच बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन जुलाई और अगस्त में स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होने से प्रदेशभर में तेज बारिश हुई। इस कारण बारिश का आंकड़ा बढ़ रहा।
डैम भी 80% तक भरे
लगातार तेज बारिश की वजह से प्रदेश के अधिकांश डैम 80 प्रतिशत से ज्यादा भर चुके हैं। चूंकि, बड़े डैमों में पानी का लेवल तय रखना पड़ता है। इसलिए इनके गेट भी खुल चुके हैं। कोलार, बाणसागर, कुंडालिया, बरगी, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, कलियासोत, भदभदा समेत कई डैम के गेट खुल चुके हैं। हालांकि, तेज बारिश का दौर थमने से ज्यादातर डैम के गेट बंद कर दिए गए हैं।
जबलपुर-भोपाल संभाग में सबसे ज्यादा बारिश
यदि जिले वाइज बारिश के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो जबलपुर और भोपाल ऐसे संभाग है, जहां सबसे ज्यादा बारिश हुई है। सभी जिलों में नॉर्मल से अधिक पानी गिर चुका है। जबलपुर संभाग के मंडला में सबसे ज्यादा 39.19 इंच पानी गिर चुका है, जबकि सिवनी में 37 इंच बारिश हो चुकी है। भोपाल में सीजन की 32.73 इंच बारिश हो चुकी है। 5 इंच बारिश होते ही सीजन का कोटा भी पूरा हो जाएगा। नर्मदापुरम में 33.92 इंच पानी गिर चुका है।
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