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Sheikh Hasina Return: शेख हसीना के इस्तीफा और बांग्लादेश छोड़ने के दो दिन बाद ही उनके समर्थन में आवाजें उठने लगी हैं. आवामी लीग और इससे जुड़े सहयोगी संगठनों ने शेख हसीना को सम्मान के साथ देश में वापस बुलाने की कसमें खाई हैं. बांग्लादेश में महीनों चले आंदोलन के बाद 5 अगस्त को पीएम शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत में सुरक्षित स्थान पर चली गईं थी. अब बांग्लादेश के गोपालगंज जिले से शेख हसीना के लिए आवाज उठी है. आवामी लीग के नेताओं ने कहा कि शेख हसीना को बांग्लादेश में वापस बुलाने तक वे शांत नहीं बैठेंगे.
आवामी लीग के कार्यकर्ता बुधवार को गोपालगंज जिले के तुंगीपारा में स्थित बांग्लादेश के संस्थापक मुजीबुर रहमान के मकबरे पर इकट्ठा हुए और शेख हसीना को वापस बुलाने की कसमें खाई. यह आयोजन आवामी लीग के जिलाध्यक्ष महबूब अली खान द्वारा आयोजित किया गया था. इस मौके पर आवामी लीग के कार्यकर्ता भारी संख्या में जुटे. जिला महासचिव जीएम साहब उद्दीन आजम ने कहा कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जबतक वे शेख हसीना को उनकी बहन रिहाना समेत बांग्लादेश नहीं बुला लेते हैं. इस दौरान बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के मकबरे पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
बांग्लादेश की राजनीति में शेख हसीना की वापसी के संकेत
आवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने ऐसे समय में कसमें खाई हैं, जब शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने बांग्लादेश की राजनीति में वापसी के संकेत दिए हैं. एक वीडियो संदेश जारी करते हुए सजीब वाजेद ने कहा है कि उन्होंने कहा था कि उनका परिवार अब बांग्लादेश की राजनीति में वापस नहीं आएगा, लेकिन उनके कार्यकर्ताओं को सताया जा रहा है. ऐसे में अब वह चुप बैठने वाले नहीं हैं. सजीब वाजेद पार्टी के नेताओं से मजबूती के साथ रहने की अपील की है, उन्होंने कहा कि आवामी लीग खत्म नहीं हुई है. यह देश की सबसे बड़ी पार्टी है, इसे खत्म करा इतना आसान नहीं है.
आतंकवाद मुक्त बांग्लादेश चाहते हैं शेख हसीना के बेटे
सजीब वाजेद ने कहा कि ‘आवामी लीग के बगैर बांग्लादेश एक लोकतात्रिक राष्ट्र नहीं बन सकता है. पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए वाजेद ने कहा कि हम आपके साथ हैं. शेख हसीना मरी नहीं हैं. हम बंगबंधु के परिवार हैं और कहीं गए नहीं हैं. हम देश को बचाने का हर संभव प्रयास करेंगे. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि देश की कमान जिसके भी हांथ में हो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हम भी आतंकवाद मुक्त बांग्लादेश चाहते हैं. इसके लिए हम किसी से भी बात करेने के लिए तैयार हैं.’
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