[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के एक नेता ने ‘कर्म का फल’ बताया है। खुद को एआईएमआईएम दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बताने वाले डॉ. शोएब जामेई ने कहा कि फिलिस्तीन और रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार का मजाक उड़ाने वाले लोग आज अब दुखी और चिंतित हैं। शोएब का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
जामेई ने मंगलवार को अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह कहते हैं कि जो नफरत बोया जाता है वह लौटकर आता है। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में पिछले दिनों जो घटनाएं घटीं, उसके बाद हमारे देश में एक गिरोह भारत के सांप्रदायिक माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहा है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब फिलिस्तीन में मजलूमों पर जुल्म हो रहा था, एक बड़ी सुपरपावर छोटे से गाजा पर बम बरसा रही थी तो भारत के मुसलमानों और लिबरल लोगों ने उनका समर्थन किया, तब यही गिरोह भारत के मुसलमानों को देशद्रोही और क्या-क्या कह रहा था। इसको कहते हैं कर्म, कर्म लौटकर आता है। यह समझाया जाता है कि जो नफरत तुम बो रहे हो वह पलटकर आएगा।’
एआईएमआएम नेता ने कहा कि बांग्लादेश में सभी हिंदुओं को नहीं बल्कि सिर्फ आवामी लीग से जुड़े हिंदू नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में जो हालात बने हैं। हालांकि, वहां सिर्फ आवामी लीग के जो हिंदू नेता थे उन पर हमले हुए या उनके समर्थकों पर हुए। खासतौर पर हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है यह ऐसा नहीं है। इसके बावजूद जो कुछ हो रहा है गलत हो रहा है। अब उस दर्द का अहसास हो रहा है ना आपको, भारत के हिंदू भाइयों को बांग्लादेश के हिंदुओं की चिंता है और होनी भी चाहिए, तो फिर भारत के मुसलमानों को रोहिंग्या मुसलमान और फिलिस्तीन के मुसलमानों की चिंता क्यों नहीं होनी चाहिए। यह दोहरा रवैया क्यों? जब तुम्हारे ऊपर पड़ी तो बिलबिला गए, बौखला गए, चिंता कर रहे हो, ट्रेंड चला रहे हो। तो फिर किसी दूसरे देश में मुसलमानों पर जुल्म होता है तो हमें भी (समर्थन) करना चाहिए। इसलिए समझिए कर्म आपको हमेशा सीख देता है कि आप दूसरे के दर्द को समझेंगे तभी आपको यह बात समझ में आएगी। समय सबको सिखा देता है कि देश के अल्पसंख्यक आबादी के साथ जुल्म नहीं करना चाहिए नहीं तो समय आपको सिखा देगा।’
शोएब ने गुरुवार को पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान को भी साझा किया जिसमें सांसद ने कहा है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले की खबरें चिंताजनक हैं। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बांग्लादेश की सरकार और अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे अल्पसंख्यकों के जीवन अंग और संपत्ति की रक्षा करें।
[ad_2]
Source link