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जैसलमेर। सरहद पर मिली थी एंटी पर्सनल लैंडमाइन।
जैसलमेर जिले के सीमावर्ती म्याजलार गांव के पास करीब 13 दिन पहले मिली एंटी पर्सनल लैंड माइन का अभी निपटारा नहीं हो पाया। म्याजलार थानाधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस संबंध में सेना को जानकारी दी हुई है। उनको लेटर भी मिल गया है। लेकिन हाल ही के दिनो
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दरअसल, भारत-पाकिस्तान सीमा के 20 किमी अंदर म्याजलार क्षेत्र में करीब 13 दिन पहले एक एंटी पर्सनल लैंडमाइन मिलने से दहशत फैल गई थी। म्याजलार से करीब 10 किमी दूर माइन को वहां से गुजर रहे एक चरवाहे ने देखा तो ग्रामीणों को मौके पर बुलाया। सूचना मिलने पर पुलिस और सीमा सुरक्षा बल की टीम ने एंटी पर्सनल लैंडमाइन की पड़ताल की।
पुलिस ने एंटी पर्सनल लैंडमाइन को सुरक्षित रखवाया।
बारिश की वजह से हुई देरी
म्याजलार थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के जरिए लैंडमाइन की जानकारी भारतीय सेना के नियंत्रण कक्ष को दी गई। सेना के पास प्रशासन का लेटर भी पहुँच चुका है और उन्होंने हमसे संपर्क भी कर लिया है। मगर बारिश कि वजह से काम अटक गया। चूंकि अब बरसात का दौर थम गया है तो 1-2 दिन में सेना का बम निरोधक दस्ता के यहां पहुंचने की संभावना है। अब सेना का बम निरोधक दस्ता लैंडमाइन को डिफ्यूज करेगा।
पुलिस की सुरक्षा में लैंड माइन
थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल पुलिस की तरफ से माइन के चारों ओर मिट्टी के कट्टे लगाकर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि युद्धाभ्यास के दौरान यह माइन जमीन में दब गई होगी, जो अब बाहर दिखाई दे रही है। आकार में छोटे एंटी पर्सनल माइंस का उपयोग घुसपैठियों व पैदल सेना के खिलाफ सुरक्षा के लिहाज से किया जाता है। इन पर पांव का वजन पड़ते ही यह फट जाते हैं। साल भर पहले इसी इलाके के केरला गांव के आसपास भी एक जिंदा लैंडमाइन मिली थी, जिसे सेना ने बाद में डिफ्यूज किया था।
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