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दी इम्पलायर एसोसिएशन ऑफ राजस्थान और सेफ्टी प्रोफेशनल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से 9 अगस्त को फायर और डिजास्टर मैनेजमेंट वर्कशॉप होने जा रहा है। इस वर्कशॉप में इंडस्ट्रीज, होटल्स, इंस्टीटयूशन, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, कोचिंग सेंटर से जुड़े लोग शामिल होंगे।
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दी इम्पलायर एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के प्रेसिडेंट एन.के.जैन ने बताया- राजस्थान में फायर से लेकर डिजास्टर की जाे समस्याएं हैं। उन्हें लेकर एक वर्कशॉप प्लान किया गया है। राजस्थान में टेंपरेचर बहुत ज्यादा हो जाता है। कई बार टेंपरेचर 48 से 50 डिग्री तक चला जाता है। और इस बार तो कई इलाकों में 52 डिग्री तक टेंपरेचर चला गया। जिसकी वजह से आग लगने के हादसे बहुत हो रहे हैं। पहले भी हमने देखा है, बहुत से इंडस्ट्री में, इमारतों में, वेयर हाउस के अंदर और कई कोचिंग सेंटर में आग लगी। इससे कई गंभीर हादसे हुए। इन हादसों से बचने के इस तरीके की बिल्डिंग में प्रोपर इंतजाम नहीं हो पाते हैं।
दूसरा जैसे ही बारिश होती है। तो बारिश से भी कई हादसे हो रहे है। कई जगह बाढ़ आ रहे है इसकी वजह से कई लोग डूब कर मर गए। बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी भर रहे है। इससे आए दिन हादसे हो रहे है। इस तरीके के हादसे चाहे वह बाढ़ से हो या आग से इन सबके लिए लाेगों में अवेयरनेस जरूरी है। उस अवेयरनेस के लिए हम एक कॉन्फ्रेंस भीलवाड़ा में करने जा रहे है। भीलवाड़ा में इस कॉन्फ्रेंस को करने का मुख्य कारण है कि वहां टैक्स्टाइल इंडस्ट्री बहुत ज्यादा है। आप जानते हैं कि जो टैक्स्टाइल इंडस्ट्री का रॉ मटेरियल है, उनसे हादसे की संभावना ज्यादा होती है।
इसलिए यह अवेयरनेस प्रोग्राम पूरे राजस्थान के लिए किया जा रहा है। इसमें नेशनल लेवल के स्पीकर आएंगे, जो की इंडस्ट्री के लोगों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी देंगे। साथ ही प्रेजेंटेशन के जरिए इन हादसों से बचने के उपाय भी बताएंगे। कार्यक्रम में सेफ्टी प्रोफेशनल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर ए. के. सिंह भी शामिल होंगे। ए. के. सिंह पिछले कई सालों से डिजास्टर मैनेजमेंट के उपर काम कर रहे है। इन्होंने राजस्थान सरकार के लिए भी यहां के सभी जिलों का डिजास्टर प्लान तैयार किया था। तो ऐसे एक्सपर्ट भी तमाम इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को डिजास्टर को मैनेज करने के तरीके बताएंगे। जिससे आने वाले दिनों में इस तरीके के हादसों में कमी आ सके।
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