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हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री और भाजपा विधायक संदीप सिंह की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली हैं। भाजपा से अलग-थलग पड़े पूर्व मंत्री के खिलाफ अब उन पर छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाली जूनियर महिला कोच विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। इसको लेकर उसके द्वारा कोच ने संदीप
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कांग्रेस ने भी जूनियर महिला कोच को पार्टी ज्वाइन कराते ही महिला कांग्रेस में प्रदेश सचिव नियुक्त कर दिया है। हाल ही में चंडीगढ़ कोर्ट ने कोच के आरोपों को लेकर संदीप सिंह के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।
दो साल पहले हरियाणा खेल विभाग की जूनियर महिला कोच ने पूर्व मंत्री पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। जूनयर महिला कोच की शिकायत पर सेक्टर-26 थाना पुलिस ने 31 दिसंबर 2022 को संदीप सिंह के खिलाफ IPC की धारा 354, 354-ए, 354-B, 342, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया था।
BJP पहले ही कर चुकी किनारा
केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में खेल मंत्री रह चुके संदीप सिंह से भाजपा पहले ही किनारा कर चुकी है। जूनियर महिला कोच सेक्सुअल हैरेसमेंट केस में उनके खिलाफ आरोप तय होने के बाद भाजपा नेतृत्व ने ऐसा किया है। संदीप सिंह अभी पिहोवा विधानसभा से विधायक हैं, उन्होंने पहली बार भाजपा की टिकट से यहां से जीत दर्ज की थी।
हालांकि जब उन पर कोच द्वारा आरोप लगाए गए थे। तब पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने उनका बचाव किया था( विपक्षी दलों के विरोध-प्रदर्शन के बाद भी उनसे इस्तीफा नहीं लिया था। हालांकि बाद में उन्होंने खेल विभाग अपने पास रख लिया था, लेकिन मंत्री पद पर संदीप सिंह बने रहे थे।
CM सैनी ने नहीं लिया मंत्रिमंडल में
पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के हटने के बाद जब नायब सैनी मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने संदीप सिंह को अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी। इससे पहले हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके ओपी धनखड़ ने भी संगठन की बैठकों में संदीप सिंह के शामिल होने पर रोक लगा दी थी। अभी भी संदीप सिंह भाजपा में अलग-थलग पड़े हुए हैं।
वह पार्टी के कार्यक्रमों में दिखाई नहीं दे रहे हैं, हालांकि वह अपने विधानसभा क्षेत्र पिहोवा में लोगों के बीच जाकर यह संदेश दे रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में भाजपा उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी।
पिहोवा में पहली बार खिलाया था कमल
हॉकी के खेल में अपने प्रदर्शन के बल पर संदीप सिंह काफी सुर्खियां बटोर चुके हैं। इसी के बल पर भाजपा ने उन्हें पिहोवा विधानसभा से उतारा था। संदीप सिंह ने भी पहली बार पिहोवा में कमल खिलाया। इससे पहले इस क्षेत्र से कभी भी भाजपा ने जीत दर्ज नहीं की थी। संदीप सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार मंदीप सिंह चट्ठा को 5314 वोटों से हराया था।
उन्हें करीब 34 फीसदी वोट हासिल हुए थे। पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पूर्व सीएम मनोहर लाल ने उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल किया और खेल विभाग दिया।
संदीप सिंह से भाजपा के किनारे करने की 2 वजहें…
विधानसभा चुनाव में विपक्ष इसे मुद्दा न बना पाए
प्रदेश में दो-ढाई महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में संदीप सिंह को लेकर विपक्षी दल खासकर कांग्रेस इसे मुद्दा न बना पाए, इसलिए भाजपा संदीप सिंह से किनारा करेगी। महिला कोच के आरोपों के दौरान भी विपक्षी दलों ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की सरकार पर जमकर हमला बोला था, यहां तक कि विधानसभा सत्र के दौरान भी विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया था, कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग को लेका वॉक आउट तक कर दिया था। इसके बाद अब भाजपा संदीप सिंह को लेकर कोई भी मुद्दा चुनाव में नहीं बनाएगी।
पार्टी महिलाओं में खराब मैसेज देने से बचना चाहेगी
हरियाणा में महिलाओं की करीब 1.20 करोड़ की आबादी है। पुरुषों के मुकाबले यह आधी आबादी है। चुनाव में भी महिलाएं बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करती हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 70.25 फीसदी था, जबकि महिलाओं का 69.55 फीसदी। दोनों में सिर्फ 0.72 फीसदी का अंतर था। ऐसे में भाजपा महिलाओं में संदीप सिंह को टिकट देकर आधी आबादी को गलत मैसेज देना नहीं चाहेगी।
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