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Bangladesh Protest: बांग्लादेश में आरक्षण की आग ने शेख हसीना हसीना की राजनीति को भस्म कर दिया और उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. इसके बाद नई अंतरिम सरकार अपना आकार ले रही है. उम्मीद है कि एक या दो दिन के अंदर नई सरकार का गठन भी हो जाएगा. इन सब के बीच देखने वाली बात ये होगी कि बांग्लादेश का अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा?
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आवास पर एक बैठक हुई जिसमें देश की सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों के साथ-साथ राजनीतिक दलों के नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों ने हिसा लिया. इसके बाद संसद और सरकार दोनों को भंग कर दिया गया. शेख हसीना के बाद तीन नामों की चर्चा जोर पकड़ रही है. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस और छात्र नेता नाहिद इस्लाम का नाम शामिल है.
खालिदा जिया कौन हैं?
खालिदा जिया बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हैं. 1991 में वो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. अभी वो 78 साल की हैं और कहा जा रहा है कि उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है. 1996 में दोबारा चुनाव जीता लेकिन शेख हसीना की अवामी लीग सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने चुनावों का बहिष्कार किया. उनका दूसरा कार्यकाल 12 दिनों तक चला. इसके बाद नए चुनाव हुए, जिसमें शेख हसीना ने जीत हासिल की.
पांच साल बाद खालिदा जिया सत्ता में फिर लौटीं. 2007 में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्ताप किया गया. 2018 में उन्हें दोषी ठहराया गया और जेल भेज दिया गया, लेकिन कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें तब से ज्यादातर समय अस्पताल में ही बिताना पड़ा है. ऐसे में अब यह साफ नहीं है कि अगर उन्हें चुना जाता है तो क्या वह प्रधानमंत्री का पद की संभालेंगी?
कौन हैं मोहम्मद यूनुस?
मोहम्मद यूनुस नोबेल शांति पुरस्कार विजेता है. उन्हें ये पुरस्कार बांग्लादेश में सामुदायिक विकास की दिशा में काम करने वाले एक माइक्रोफाइनेंस संगठन ग्रामीण बैंक की स्थापना के लिए 2006 में दिया गया था. उन्होंने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की. यह बैंक ग्रामीण बांग्लादेश में महिलाओं को छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए छोटे लोन देता है. इससे लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकलने में मदद मिली, जिससे उन्हें ‘गरीबों का बैंकर’ उपनाम मिला. यह मॉडल अब 100 से अधिक देशों में चलाया जा रहा है. उन्होंने वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है. उन्होंने चटगांव विश्वविद्यालय में विभाग का नेतृत्व भी किया है.
नाहिद इस्लाम कौन है?
समाजशास्त्र के छात्र नाहिद इस्लाम ने ‘छात्रों के खिलाफ भेदभाव’ आंदोलन के लिए राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में काम किया. इस आंदोलन के जरिए सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की मांग की. कल रात की गई घोषणाओं और बयानों में इस्लाम ने दावा किया कि अंतरिम सरकार की रूपरेखा 24 घंटे के भीतर सामने आ जाएगी. नाहिद इस्लाम… शेख हसीना की पार्टी के खिलाफ मुखर रहे हैं, उन्हें सड़कों पर आतंकवादी कहते हैं. जुलाई में उन्हें सबुजबाग के एक घर से सादे कपड़ों में कम से कम 25 लोगों ने अगवा कर लिया था.
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