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इंदौर में एक बाल आश्रम में हैजा का प्रकोप फैलने से 10 बच्चों की मौत चर्चा का विषय बनी हुई है। इन मौतों के बाद इसी संस्थान की तीन वर्षीय बच्ची ने एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। बच्चों की सिलसिलेवार ढ़ंग से हो रही मौतों पर कांग्रेस ने सवाल उठाया कि प्रशासन ने इतने गंभीर मामले में आश्रम प्रबंधन के खिलाफ अब तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई है? हालांकि इससे पहले जांच में अस्पताल का कुप्रबंधन सामने आया था।
शासकीय चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय की अधीक्षक डॉ. प्रीति मालपानी ने बताया कि शहर के श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम की तीन वर्षीय बच्ची को शनिवार को बेहद गंभीर हालत में हमारे अस्पताल में उसके परिजनों ने भर्ती कराया गया था। तब वह उल्टी-दस्त और शरीर में पानी की कमी की समस्याओं से पीड़ित थी। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी और उसने सोमवार रात दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची पहले ही कुपोषण और विकलांगता से जूझ रही थी। वहीं आश्रम प्रबंधन का दावा है कि उसने बच्ची को उसके परिजनों को हाल ही में सौंप दिया था।
11 मौतें और आश्रम का कुप्रबंधन
अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन की जांच रिपोर्ट में कुछ दिन पहले खुलासा हुआ था कि श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम में हैजा के प्रकोप के बाद पिछले डेढ़ महीने के भीतर 10 बच्चों की मौत हुई है। प्रशासन की गठित उच्च स्तरीय समिति की जांच में आश्रम में क्षमता से अधिक बच्चों को भर्ती किए जाने, बच्चों का मेडिकल रिकॉर्ड उचित तरीके से नहीं रखे जाने और संस्थान के रख-रखाव की अन्य गड़बड़ियों का भी खुलासा हुआ था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने लगाए आरोप
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोलते हुए कहा कि लापरवाही के अलग-अलग मामलों में बच्चों की मौत राज्य सरकार की पहचान बन गई है। इंदौर के आश्रम के 11 बच्चों की मौत के बाद भी अब तक आश्रम प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है? आश्रम प्रबंधन पर तुरंत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
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