[ad_1]
Bangladesh Army Rule : बांग्लादेश में सेना ने फिलहाल अंतरिम सरकार का गठन किया है. इसमें 10 लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें पत्रकार से लेकर कई नामचीन लोग शामिल हैं. अब ये 10 सदस्यीय लोग सरकार चलाएंगे. इनमें एक हिंदू समुदाय के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. बांग्लादेश की नई सरकार का नेतृत्व डॉ. सलीमुल्लाह खान और डॉ. आसिफ नजरुल करेंगे. रिटायर्ड जस्टिस मोहम्मद अब्दुल वहाब मिया, सेना से रिटायर्ड जनरल इकबाल करीम, रिटायर्ड मेजर जनरल सैयद इफ्तिखार उद्दीन, डॉ. देबप्रिया भट्टाचार्य, मतिउर रहमान चौधरी, ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन, डॉ. हुसैन जिल्लुर रहमान और जस्टिस एम ए मतिन नई सरकार चलाएंगे. अब आगे सरकार चलाने की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर होगी.
वहीं, इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना ढाका छोड़कर भारत आ गईं. इसके कारण तनाव की स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि जमात ए इस्लामी ने धमकी दी है. उसने कहा कि जो भी देश शेख हसीना को शरण देगा, उसका दूतावास घेर लें. कर्मचारियों को बाहर न निकलने दें. ऐसे में भारतीय दूतावास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
हिंदू से लेकर पत्रकार हुए शामिल
डॉ. देबप्रिय भट्टाचार्य अर्थशास्त्री हैं और एक हिंदू परिवार से उनका नाता है. वह शेख हसीना की सरकार में आर्थिक नीतियों के सलाहकार भी रहे हैं. उनके पिता वकील और मां बांग्लादेश की सांसद रही हैं. वह यूएन में बांग्लादेश के स्थायी प्रतिनिधि भी रह चुके हैं. वहीं, डॉ. सलीमुल्लाह खान एक बांग्लादेशी लेखक और शिक्षाविद हैं. उनका बंगाली मुस्लिम परिवार से नाता है और ढाका विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की है. डॉ. आसिफ नज़रुल एक बांग्लादेशी लेखक और पत्रकार हैं. राजनीति पर लिखते रहे हैं. नई सरकार में सेना से रिटायर्ड 5 अधिकारियों को भी शामिल किया गया है.
‘देश में नहीं लगेगा आपातकाल’
वहीं, देश में तनाव की स्थिति और हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए सेना ने बड़ा बयान दिया है. सेना ने कहा कि अभी देश में कोई आपातकाल नहीं लगाया जाएगा. चुनावों पर चर्चा करना भी अभी जल्दबाजी होगी. फिलहाल सेना अस्थायी रूप से सरकार चलाएगी. स्थिति कंट्रोल में आने के बाद फिर फैसला लिया जाएगा.
[ad_2]
Source link