[ad_1]
मध्य प्रदेश के दो जिले सागर और रीवा में जर्जर भवनों की दीवार गिरने से 14 बच्चों की मौत हो गई। रायसेन के सीएम राइज स्कूल में भी 350 बच्चे रोज जर्जर दीवार से गुजर कर पढ़ने जाने को मजबूर हैं। स्कूल भवन से लगा हुआ पुराने थाने का जर्जर भवन तो वहीं स्कूल से
.
रायसेन जिला मुख्यालय के वार्ड-6 में सीएम राइज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कैंपस 2 में 350 बच्चे हैं। स्कूल के नर्सरी कक्षाओं में छत से पानी टपक रहा है। इस टपकते पानी के बीच बच्चे पढ़ाई करते हैं। स्कूल के प्राचार्य नीरज गौर ने बताया कि यह बिल्डिंग भी काफी पुरानी है। बारिश के दिनों में कई क्लासों में छत से पानी टपकता है, जिस कारण कुछ कक्षाओं को बरामदे में लगाना पड़ता है, जबकि स्कूल के पास में ही पुराने थाने और कलेक्ट्रेट का जर्जर भवन है, जो काफी खतरनाक है। नगर पालिका को पहले इन भवनों के विषय में अवगत कर चुके हैं। क्लास रूम के पीछे पुराने थाने का जर्जर भवन है, जिसकी दीवार अक्सर गिरती रहती है। हमारे द्वारा इन कक्षाओं में बच्चों को नहीं बिठाया जाता।
जर्जर भवनों को डिस्मेंटल करने में प्रशासन ने नहीं ली रुचि
सीएम राइज कैंपस स्कूल से महज 20 मीटर की दूरी पर ही अंग्रेजों की जमाने की कलेक्ट्रेट की जर्जर बिल्डिंग खड़ी हुई है, इस बिल्डिंग के सामने से एक रोड गुजारा है, इस रोड से लोगों का आना-जाना दिन भर लगा रहता है, जबकि सीएम राइज स्कूल के बच्चे भी छुट्टी के दौरान इस बिल्डिंग के पास आकर खेलते हैं। लोगों के वाहन भी इसी बिल्डिंग के अंदर खड़े हैं, पर इसके बाद भी इस बिल्डिंग को अब तक डिस्मेंटल नहीं किया गया।
लोगों ने बताया कि इस बिल्डिंग के अक्सर पत्थर और मिट्टी निकालकर रोड पर गिरती रहती है, जबकि इसी वार्ड में पुराने थाना जो कि स्कूल से लगा हुआ है, और थाने के क्वार्टर भी जर्जर हालत में खड़े हैं। इन्हें डिस्मेंटल करने के लिए नगर पालिका प्रशासन को अवगत करा चुके हैं, पर रायसेन जिला प्रशासन कोई रुचि नहीं ले रहा है।
स्कूल और जर्जर बिल्डिंग की फोटो…
[ad_2]
Source link