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सावन माह के तीसरे सोमवार मुख्यालय समेत जिले के शिवालयों में सुबह से अभ तक भगवान भोलेनाथ के दर्शन व अभिषेक करने श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।यह क्रम रात तक जारी रहेगा।महाकालेश्वर धाम में महारुद्राभिषेक,सिद्ध पीठ मठ मंदिर में भी पूजन अभिषेक व अखंड रामायण का
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गुरूधाम दिघौरी,शंकर मढ़िया,बालरूप हनुमान मंदिर,भैरोगंज स्थित शिव मंदिर सहित अन्य शिव मंदिरों में शिव अभिषेक करने श्रद्धालू पहुंच रहे हैं। मुख्यालय के अलावा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित शिवालयों में भी भक्तों का तांता लगा रहा है।शहर के बालरूप हनुमान मंदिर के गर्भ गृह में शिव अभिषेक किया हर दिन सुबह किया जा रहा है।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगीतमय सुंदरकांड पाठ करने पहुंच रहे हैं।वहीं शहर के सिद्धपीठ मठ मंदिर में सावन माह के पहले दिन से यहां अखंड रामायण पाठ जारी है।बड़ी संख्या में श्रद्धालु पाठ करने पहुंचे रहे हैं।मंदिर में स्थापित शिवलिंग का सावन माह में हर दिन विशेष श्रृंगार किया जा रहा है।
बोरदई स्थित महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित राघवेंद्र शास्त्री ने बताया है कि सावन माह में महाकालेश्वर धाम में प्रतिदिन भोलेनाथ का अभिषेक निरंतर चल रहा है।श्रावण माह भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है।रुद्राभिषेक करने का महत्व माना जाता है कि श्रावण माह के महीने में रुद्राभिषेक करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।साथ ही ग्रह दोष भी दूर होते हैं।भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए रुद्राभिषेक करने से इसका पूर्ण लाभ मिलता है।रुद्राभिषेक करने से परिवार में सुख शांति और सफलता आती है।
अभिषेक में भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने का विशेष महत्व है। जिससे संतान की प्राप्ति करने की इच्छा पूरी होती है।दही से अभिषेक करने पर कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं।गंगाजल, नर्मदा जल,शहद, घी,गन्ने का रस इन सब के जल से अभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी देवताओं की आत्मा में भगवान सदाशिव रूद्र विराजमान हैं।इनकी पूजा करने से सभी देवों की पूजा हो जाती है।भगवान भोलेनाथ महाकाल हैं उनकी पूजा से अकाल मृत्यु का संकट भी दूर हो जाता है।
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