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बड़वानी जिले के अंजड नगर के समीपस्थ ग्राम छोटा बड़ादा में बीती शुक्रवार कि रात्रि में तेंदुए ने 2 साल की पाड़ी (भैंस का बछड़ा )को अपना शिकार बनाया जिससे ग्राम छोटा बड़दा सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रो में भय का माहौल बन गया है।
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घटना शुक्रवार रात करीब 2 बजे की बताई जा रही है। छोटा बड़दा निवासी रशीद पिता उस्मान के घर पर बाड़े में भैसों के अलावा अन्य पशु बंधे थे रात्रि करीब 2 बजे तेंदुए ने बाड़े में बंधी भैस की पाड़ी को अपना शिकार बनाया और उसे समीप ही कपास के खेत मे खिंच कर ले गया।
इस दौरान परिवार के लोग घर पर सोए थे। उन्हें किसी भी प्रकार का आभास नही हुआ। घटना की जानकारी सुबह तब मिली जब उन्हें बाड़े में बंधी पाड़ी दिखाई नही दी ढूंढने पर समीप ही कपास के खेत में क्षत विक्षत मृत अवस्था मे पाड़ी दिखाई दी।
परिजनों ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी। उसके बाद वन विभाग को इसकी सूचना दी गई। वन विभाग से वन रक्षक अनिल चौगणे ने घटना स्थल पर पहुचकर पंचनामा बनाकर वरिष्ठ कार्यालय को अवगत करवाया। वन रक्षक अनिल चौंगणे ने बताया कि क्षेत्र में तेंदुए का मूवमेंट पिछले करीब 2 माह से सतत बना हुआ है।
विभाग की ओर से पिंजरा भी लगाया गया है कि तेंदुआ अभी तक पकड़ से दूर है। उन्होंने बताया कि फिलहाल पिंजरा छापरी फाटे के पास खेत मे लगाया गया है। यदि ग्राम छोटा बड़दा में तेंदुए का लगातार मूवमेंट दिखाई देगा तो यहां भी पिंजरा लगाया जाएगा।
गौरतलब है कि क्षेत्र में तेंदुए का आतंक पिछले दो माह से दिखाई दे रहा है तेंदुआ कभी केशरपुरा, मोहीपुरा, छापरी फाटा तो कभी दतवाड़ा के खेतो मे दिखाई दे रहा है। गनीमत रही कि अभी तक किसी भी प्रकार की जन-हानि नहीं हुई।
पिछले 2 माह में तेंदुआ कई पशुओं को अपना शिकार भी बना चुका है। हालांकि, वन विभाग की ओर से तेंदुए की मूवमेंट के आधार पर समय-समय पर अलग-अलग जगह पिंजरे भी लगा चुका है। हालांकि, तेंदुआ अभी भी पकड़ से दूर है तथा बार-बार अपना मूवमेंट बदल रहा है।
यदि समय रहते तेंदुआ पकड़ में नही आया तो भविष्य में जनहानि होने से भी इंकार नही किया जा सकता है। तेंदुए की लगातार मौजूदगी से क्षेत्र के किसानों और रहवासियों में खौफ का माहौल व्याप्त है।तथा रात होते ही ग्रामीणजन अपने-अपने घरों में दुबकने के लिए मजबूर है। रात होते ही ग्रामीण क्षेत्रो में सन्नाटा छा जाता है। ग्रामीण-जन भय और खौफ के माहौल में जीने को विवश है।
बारिश का आधा समय बीत जाने से खेतों में फसलें भी बड़ी हो गई। जिससे तेंदुआ खेतों में आसानी से छिपा रहता है। अभी खेतों में निंदाई-गुड़ाई, खाद, दवाई देने का कार्य अपने चरम पर है और ऐसे में मजदूर खेतों में जाने से डर रहे हैं। मजदूर खेतों में काम करने से परहेज करने लगे है। जिससे किसानों को भारी फजीहत उठानी पड़ रही है।
तथा आने वाले समय मे कपास, मक्का, मिर्च, सब्जीयत सहित अन्य फसलें भी पक कर तैयार हो जाएगी। जिससे किसान अपनी फसलों को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं। समय रहते तेंदुए को पकड़ना जरूरी हो गया है। वरना कोई बड़ी जन-हानि भी होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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