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अंकुर चौधरी इस खेल का मास्टरमाइंड है।
हरियाणा के पानीपत में रिफाइनरी के पास एक बड़ी कंपनी में काम कर रही एक इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलमेंट कंपनी के अधिकारियों ने बड़ा कारनामा कर दिया। कंपनी के मैनेजर और इंजीनियर ने 6 लोगों को फर्जी कर्मचारी बनाया।
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लेकिन उसकी हाजिरी में खुद के ही फिंगर प्रिंट अटैच कर दिए। रोजाना हाजिरी लगाते थे। साल में 30 लाख रुपए हजम कर गए। अब साल भर के काम का ऑडिट हुआ, तो उसमें ये कारनामा उजागर हो गया। जिसके बाद दोनों की शिकायत पुलिस को दी गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है।
एक साल से चल रहा है काम
सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में मंदार मोहन कासकर ने बताया कि वह स्टरलिंग इलेक्ट्रो एंटरप्रायजेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में जनरल मैनेजर HR के पद पर कार्यरत है। उनकी कंपनी ने ग्रासीम इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी में काम शुरू किया था।
सदर थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
उस काम को करने के लिए अंकुर चौधरी (कंस्ट्रक्शन मैनेजर) निवासी उत्तर प्रदेश और बिजिश पी. (बिलिंग इंजीनियर) निवासी केरल को साइट पर तैनात किया था। उनका प्रोजेक्ट प्लाट नं 48-62, रिफाइनरी रोड, पानीपत पर चल रहा है। काम करीब 1 साल से चल रहा है। जोकि अब पूरा होने को है।
अंकुर है मास्टरमाइंड, बिजिश को साथ मिलाया
इसी माह की छानबीन के दौरान पता लगा कि अंकुर चौधरी और बिजिश पी. ने ऐसे 6 लोगों का नाम बताकर पिछले लगभग एक साल से कंपनी से सैलरी ली, जो साइट पर काम भी नहीं करते थे। आरोपियों ने 6 लोगों की सैलरी के नाम पर सालभर में करीब 20 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है।
उन 6 लोगों के डेबिट कार्ड भी खुद रखे हुए थे। जिससे वे रुपए निकाल लेते थे। इन 6 लोगों को गुजारा भर ही रुपए देते थे। बाकी सभी अपने पास रख लेते थे। दरअसल, अंकुर चौधरी इस खेल का मास्टरमाइंड है। जिसने 6 लोगों के नाम दिए, लेकिन हाजिरी में फिगर अपनी लगाई हुई थी।
रोजाना उनके नाम की बायो मैट्रिक हाजिरी वह अपनी उंगलियों से लगाता था। इसका पता बिजिश पी. को लगा, तो अंकुर ने उसे करीब ढाई लाख रुपए देकर अपने साथ गेम में शामिल कर लिया था।
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