[ad_1]
जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने विधानसभा में पानी की अनुदान मांगों पर बहस में कहा कि पानी यदि खत्म हो जाएगा तो बालाजी महाराज की कृपा होगी तो ही काम चलेगा। सभी विधायकों ने पेयजल के लिए अपनी समस्याएं बताई, नए काम मांगे, जितना हो सकेगा, मैं पूरा करूंगा
.
जगह जगह खुले कुएं, टांके बनाकर, पाइप खुले छोड़कर कह दिया कि नल से पानी आ जाएगा। पानी का प्रबंध कहीं किया ही नहीं। जिस दिन से 15 अगस्त को 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घर घर को पानी देने के लिए जल जीवन मिशन चलाया, उस योजना से सबसे ज्यादा भला होना था तो वह राजस्थान का होना था। लेकिन आज हर आदमी परेशान है कि उसके घर पर नल लग गया, लेकिन उसमें पानी कब आएगा? पिछली सरकार ने पानी का प्रबंध किए बिना ही पाइप डाल कर चुनाव जीतने के लिए जुटे वादे कर दिए। इसमें भ्रष्टाचार किया वो तो जेल जाएंगे।
जयपुर को पानी के लिए ब्राह्मणी प्रोजेक्ट लाएंगे, बीसलपुर भरेंगे
मंत्री ने कहा कि जयपुर को पानी के लिए ब्राह्मणी नदी को बीसलपुर को जोड़ने की 148 किलोमीटर की योजना बना रहे हैं। 8300 करोड़ की लागत आएगी। इस पर सरकार काम कर रही है। ब्राह्मणी नदी का राजस्थान का हिस्से का पानी लेकर रहेंगे। इसमें 16 किलोमीटर को टनल होगी। पानी पूरी ग्रेविटी से आएगा। इसके अलावा एमपी सरकार ने पिछले सालों में अतिरिक्त पानी लिया है, उसे भी लेंगे।
एमपी व राजस्थान में दोनों जगह कांग्रेस राज था तो ईआरसीपी को क्यों लटकाया
मंत्री कन्हैयालाल ने ईआरसीपी को लेकर पूर्व वर्ती कांग्रेस सरकार को घेरा। बोले- पिछली भाजपा सरकार ने ईआरसीपी की 16 करोड़ में डीपीआर बनाई। लेकिन चुनाव आ गए और एमपी व राजस्थान दोनों में कांग्रेस की सरकार बनी। लेकिन ये लोग बार बार मोदी को बदनाम करते रहे कि योजना में केद्रांश 90 प्रतिशत नहीं कर रहे। जबकि दोनों ने डीपीआर तक केंद्र को नहीं भेजी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बार बार बोला था कि संशोधन कर पत्र भेज दो। मैं इसको नदी जोड़ योजना में ईआरसीपी को शामिल कर 90 प्रतिशत पैसा केंद्र देगा। लेकिन इनको राजनीति करनी थी। पीएम और गजेंद्रसिंह शेखावत को बदनाम करना था कि ये पैसा देना नहीं चाहते।
500 एमसीएम का ही प्लान क्यों ?
मंत्री बोले- ये सवाल उठाते हैं कि ईआरसीपी का एमओयू कहां है? मैं पूछता हूं कि हमने एमपी के साथ मिलकर रिवाइज प्लान बनाया। कांग्रेस राज ने केवल 500 एमसीएम की योजना बनाई थी, जिससे को पीने का पानी भी कम पड़ता। क्या सिंचाई और उद्योगों को देते। हमने 2400 एमसीएम पानी का एमओयू किया है। पूर्व जल शक्ति मंत्री ने बार बार कहा था कि राजस्थान को ज्यादा पानी देने के लिए मोडिफाइड पीकेसी योजना बनाई है। अफसर दिल्ली भेजों, लेकिन नहीं भेजे।
अब 3400 एमसीएम का एमओयू
जलदाय मंत्री ने कहा कि हमसे ईआरसीपी की डिटेल मांगने वालो सुन लो। हमने बाकायदा एमओयू एमपी के साथ केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति में किया है। हमको 3400 एमसीएम पानी मिलेगा। बाकी एमपी का होगा। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बन रही है। अभी से विपक्ष चिल्ला रहा है कि पैसे नहीं आए। डीपीआर जाएगी तभी तो आएगा। अभी 48000 करोड़ की बनी है, हो सकता है 60 हजार करोड़ लागत आंक कर केंद्र पैसा दे।
जलदाय मंत्री बोले- जेजेएम में 93 हजार करोड़ मिले, कांग्रेस राज में 19 हजार करोड़ भी खर्च नहीं किए
[ad_2]
Source link