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मुख्य आरोपी समीर श्रीवास्तव का फाइल फोटो।
फरीदाबाद जिले में साइबर थाना बल्लबगढ़ व सेन्ट्रल की टीम ने दो फर्जी कॉल सेंटर पर कार्रवाई करते हुए साइबर टीम का भंडाफोड़ कर दिया। पुलिस ने अलग-अलग मामले में 6 महिला सहित 28 आरोपियों को किया गिरफ्तार। उनके पास से 50 लैपटॉप और 6 मोबाइल बरामद किए गए है।
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पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि 20 जुलाई को साइबर पुलिस सेन्ट्रल की टीम ने गुप्त सूत्रों से प्राप्त सूचना पर सेक्टर-86 में स्थित एक फर्जी कॉल सेन्टर पर कार्रवाई करते हुए मौका से यश तनेजा, अविदीप व चिराग अरोड़ा को गिरफ्तार किया गया। मामले में आगे कार्रवाई करते हुए कॉल सेंटर की मालिक दीपिका अरोड़ा सहित अन्य आरोपी हेमंत तिवारी, लवी गुगलानी, एथिल गुलाटी, साहिल सोढ़ी को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले के मास्टर मांइड व कॉल जनरेट करने वाले मुख्य आरोपी समीर श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी समीर श्रीवास्तव को पूछताछ के लिए 5 दिन के पुलिस रिमांड पर है। इस प्रकार मामले में अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार करके 5 लैपटॉप व 5 मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके है।
कॉल सेंटर के संचालक समेत 20 आरोपी फरार
इसी प्रकार 23 जुलाई को थाना साइबर बल्लबगढ़ व पुलिस चौकी सेक्टर-7 की संयुक्त टीम ने वाईएमसीए के पास एक प्लाट में बने फर्जी कॉल सेंटर पर कार्रवाई करते हुए मौके से पांच लड़कियों सहित 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से 45 लैपटॉप तथा 1 मोबाइल फोन बरामद किए। पुलिस ने बाद में दो अन्य आरोपी आप सन तथा कॉल सेंटर मैनेजर राकेश को दिल्ली से गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 2 मोबाइल फोन बरामद किए। इस मामले में कुल 19 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके है। कॉल सेंटर के संचालक गौरव अग्रवाल सहित 20 अन्य कॉलर की गिरफ्तार लम्बित है। जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी है।
वारदात को कैसे देते थे अंजाम
टेक्निकल सहायता के नाम पर कॉल करके विदेशी नागरिकों को कस्टमर सर्विस देने के नाम पर लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम देते है। आरोपी फर्जी टोल फ्री नम्बर पर आने वाली कॉल को सुनते थे, जो MICROSOFT, AMAZON, NETFLIX, I-OS, CASHAPP, PAYPAL की कस्टमर सर्विस देने के नाम पर अलग-अलग समस्या बताकर गुमराह करके उसके सिस्टम का रिमोट एक्सेस AnyDesk, Team Viewer, Ultra Viewer App. से लेकर उनको वास्तविक समस्या ना बताकर कस्टमर को अन्य समस्या, व्यक्तिगत जानकारी खतरे में, कई हैकर्स जुड़े हुए हैं, कनेक्टेड डिवाइस सुरक्षित नहीं है, वित्तीय जानकारी लीक हो गई है, ऑर्डर रद्द करें, रिफंड करें आदि के बारे में बताकर समस्या का समाधान करने के नाम पर ऑन लाइन रकम ट्रांसफर करवाते थे।
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