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जबलपुर के रद्दी चौकी मे रहने वाला डेढ़ साल की बच्चा खेल-खेल में प्लास्टिक का ढक्कन निगल गया, जिसके बाद बच्चे को असहनीय दर्द होना शुरू हो गया। मासूम बच्चा दर्द से बिलखता रहा, पर परिवार वालों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्यो रो रहा है। बच्चे के प
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प्लास्टिक का ढक्कन जिसे की बच्चे के मुंह से डाक्टर की टीम ने सर्जरी कर निकाला।
दरअसल जबलपुर के रद्दी चौकी के पास रहने वाले मोहम्मद सिकंदर के बेटे आसमा नाज को गले में बहुत दर्द हो रहा था, वह लगातार रो रहा था। परिवार वालों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह क्यों रो रहा है। परिजनों पास के डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने दर्द की दवा दे ही, इसके बाद भी जब वह ठीक नहीं हुआ तो उसे इलाज के लिए मेडिकल कालेज के ईएनटी विभाग में भर्ती किया गया। ईएनटी विभाग प्रमुख डाक्टर कविता सचदेवा ने बच्चे की हालत को देखते हुए तुरंत ही जांच करना शुरू कर दिया। जांच के दौरान पता चला कि बच्चे की आहार नली के पास प्लास्टिक का ढक्कन फंसा हुआ है। जिसके चलते उसे ना सिर्फ दर्द हो रहा है बल्कि सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। विभागध्यक्ष डॉ. कविता सचदेवा ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई कि सांस नली के ऊपर एक प्लास्टिक का बड़ा ढक्कन अटका हुआ है। बच्ची को तुरंत ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया, जहां सर्जरी के माध्यम से ढक्कन को निकाल दिया गया। सर्जरी के बाद बच्ची सामान्य रूप से सांस लेने लगी। स्वस्थ होने पर शुक्रवार को बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया।
ईएनटी विभाग प्रमुख डाक्टर कविता सचदेवा ने बताया कि आपरेशन के बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ्य है।
डाक्टर कविता सचदेवा का कहना है कि बच्चे ने खेल-खेल में प्लास्टिक का ढक्कन मुंह में डाल लिया था जो कि उसकी आहारनली में जाकर फंस गया था, इसी वजह से उसे दर्द हो रहा था। बच्चे के मुंह को देखा तो ढक्कन का कुछ हिस्सा दिखाई दे रहा था। तुरंत ही आपरेशन की तैयारी की और टीम ने सफल आपरेशन किया। उन्होंने बताया कि ढक्कन मुंह में फसने के बाद बच्चे की सांस रूकने लगी थी। डाक्टर ने बच्चे के माता-पिता को समझाया कि आपरेशन से ही बच्चा ठीक होगा। जांच के दौरान पाया कि सांस और आहार नली के पास ढक्कन फंसा हुआ था, जिसे कि आपरेशन के बाद निकाला गया, तब जाकर बच्ची का रोना बंद हुआ।
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