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प्रदेश में बिज़ली की स्थिति पर बोलते हुए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में जादूगर ने बड़ा जादू किया। बिज़ली खरीदने के पैसे तो थे नहीं। इसलिए उधार (बैंकिंग) की बिज़ली ली।
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यह बिज़ली सर्दियों में ली और गर्मी में लौटाने का वादा कर दिया। क्योंकि इन्हे पता था कि हम तो आएंगे नहीं। इसलिए यह उधार का सांप हमारे गले में डाल गए। ये लोग मोबाइल और राशन किट बांट रहे थे। इनके पास बिज़ली खरीदने के पैसे तो थे नहीं।
आज हम इनके द्वारा ली गई करीब 35,234 लाख यूनिट बिज़ली में से करीब 24 हज़ार लाख यूनिट बिज़ली लौटा चुके हैं। वहीं अगले दो महीनों में हमें 11 हज़ार लाख यूनिट बिज़ली लौटनी हैं।
कांग्रेस के कारनामों के चलते फ्यूल सरचार्ज बढ़ाना पड़ा
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने साढ़े चार हज़ार करोड़ के कोयले की जगह साढ़े 18 हज़ार करोड़ रुपए में इंर्पोटेड कोयला खरीदा। यह आपके कारनामे थे। आपने ऐसा क्यों किया। किसी तरह का फायदा तो आपको हो रहा था।
उन्होंने कहा कि अगर हम हमारी आंवटित माइन्स में माइनिंग नहीं करते है तो कोल इंडिया हमें 40 प्रतिशत ज्यादा राशि पर कोयला देता है। आपने ज्यादा राशि देकर कोयला खरीदा। उस समय जो ज्यादा रेट लगी। उसकी वज़ह से आज हमें फ्यूल सरचार्ज लगाना पड़ रहा हैं। क्योंकि पावर प्लांट की फिक्स कोस्ट के अलावा वैरिबल कोस्ट अलग होती है। जो इन सब चीजों से बढ़ती हैं।
इनकी सरकार स्थिर नहीं थी, इसलिए इन्होंने एक भी पावर प्लांट नहीं लगाया
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस की सरकार का अधिकतर समय तो होटलों में निकला। इनकी सरकार स्थिर ही नहीं रही। इसलिए इन्होंने सोचा कि पावर प्लांट क्यों लगाए। पता नही कब सरकार चली जाए।
लेकिन हमारी डबल इंज़न की सरकार हैं। हमने आते ही लॉग टर्म प्लानिंग की हैं। शक्ति पॉलिसी के तहत हमने 3200 मेगा वॉट के थर्मल औऱ 8 हज़ार मेगा वॉट के सोलर प्लांट लगाने की निविदाएं जारी कर दी हैं।
इसके अलावा हमने उत्पादन निगम और केन्द्रीय उपक्रमों के साथ 3,325 कोल बेस और 28 हज़ार 500 मेगावाट के अक्षय ऊर्जा के एमओय़ू भी किए हैं। जिसकी लागत करीब 1 लाख 50 हज़ार करोड़ रुपए हैं।
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