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श्रीगंगानगर में प्राचीन शिवालय में लगी लाइनें।
श्रावणी शिवरात्रि पर शुक्रवार को पूरा दिन भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक का क्रम चला। दूध, दही, घी, शहद, आक, धूतूरा, भांग, पुष्प और अन्य कई तरह की पूजन सामग्री से भोले बाबा को भक्तों ने रिझाया वहीं कई लेाग हरिद्वार से कावड़ में जल भरकर पैदल श्रीगंगानगर तक
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श्रीगंगानगर के प्राचीन शिवालय में भजन कीर्तन में शामिल श्रद्धालु।
भोलेबाबा करते हैं मन्नत पूरी
गांव सात जैड से शिवालय में धोक लगाने आई रोमा ने बताया कि वे पिछले कई वर्ष से भोले बाबा को धोक लगाने शिवालय में आते हैं। उनका कहना था कि श्रावणी शिवरात्रि का पर्व श्रीगंगानगर के लिए विशेष महत्व का है। हमारे यहां मान्यता है कि जलाभिषेक करने से संकट दूर होते हैं।
श्रीगंगानगर के प्राचीन शिवालय में जलाभिषेक करते श्रद्धालु।
नागेश्वर महादेव मंदिर में लगी लाइनें
शहर के हनुमानगढ़ रोड पर नागेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों की लाइनें लग गईं। यहां सुबह से मंत्रोच्चारण के साथ भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक किया गया। यहां परिवार की प्रतिमाओं के समक्ष लोगों ने धोक लगाकर सभी के शुभ की कामना की। लोगो ने यहां बाबा अमरनाथ और रामेश्वरम महादेव के स्वरूप तथा नवग्रह की पूजा अर्चना भी की।
श्रीगंगानगर के प्राचीन शिवालय में पहुंचा कावड़िया।
पहुंचा कावड़ियों का जत्था
शहर के पुरानी आबादी थाने के सामने स्थित शिवशक्ति दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में शुक्रवार सुबह कावड़ लेकर कावड़ियों का जत्था पहुंचा। यह जत्था यहां से कई दिन पहले हरिद्वार रवाना हुआ था। वहां से जत्थे में शामिल शिवभक्त पैदल श्रीगंगानगर रवाना हुए। यहां उन्होंने शुक्रवार को भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक किया। इस दौरान निकली शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भागीदारी रही। शोभायात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होकर मंदिर पहुंची तथा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।
श्रीगंगानगर के प्राचीन शिवालय के बाहर लगा भंडारा।
यहां भी गूंजी बाबा विश्वनाथ की महिमा
इसके अलावा शहर के चहल चौक स्थित गौरीशंकर मंदिर, श्री कल्याण भूमि गोसेवा सदन स्थित भूतनाथ मंदिर, पदमपुर रोड के सेठ गिरधारी लाल बिहाणी स्मृति शिव मंदिर एवं सत्संग भवन, श्री सनातनधर्म गायत्री संस्कृत महाविद्यालय परिसर स्थित पारदेश्वेर महादेव मंदिर सहित शहर के कई प्रमुख शिव मंदिरों में भी महादेव का जलाभिषेक किया गया।
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