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स्वर्णरेखा नदी को प्रदुषण मुक्त करने और प्राचीन इक्कीसो महादेव के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने एवं सरकार का इस ओर ध्यान आकृष्ट करने के उद्देश्य से स्वर्णरेखा उत्थान समिति के द्वारा आगामी 18 अगस्त, रविवार को एक कांवर यात्रा का आयोजन किया गया है
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चार स्थानों में होगा यात्रा का पड़ाव
यात्रा में कांवरिये रानीचुआं से जल उठाकर प्रातः 9 बजे यात्रा की शुरुआत करेंगे। यात्रा नगड़ी, कटहल मोड़, अरगोड़ा चौक, अशोक नगर, क्लब रोड, सिरम टोली, चुटिया होते हुए केतारी बागान स्थित हरमू और स्वर्णरेखा नदी के संगम स्थित इक्कीसो महादेव तक पहुंचेगी। इस यात्रा में कांवरियों के विश्राम के लिए 4 पड़ाव पहला नगड़ी स्थित स्वर्णरेखा बैंक्वेट हॉल, दूसरा कटहल मोड़, तीसरा अरगोड़ा स्थित बूढा महादेव और चौथा और अंतिम पड़ाव क्लब रोड स्थित सिटी सेंटर में होगा, जहाँ डॉ। सुमन दुबे के नेतृत्व में माँ फाउंडेशन की टीम कांवरियों के लिए विश्राम और चिकित्सा की व्यवस्था करेंगे।
बस और एम्बुलेंस की व्यवस्था भी साथ होगी
यात्रा में बस और एम्बुलेंस की व्यवस्था रहेगी, जिन कावंरियों को पैदल चलने में परेशानी होगी, उनके लिए बस की व्यवस्था भी रहेगी। यात्रा के दौरान किसी प्रकार की चिकित्सकीय सहायता के लिए पारा मेडिकल टीम के साथ एम्बुलेंस भी उपलब्ध रहेगी।
करीब 500 वर्ष पुराना है चट्टानों पर उत्कीर्ण शिवलिंग
रांची के चुटिया स्थित स्वर्णरेखा और हरमू नदी के संगम पर चट्टानों पर 21 शिवलिंग उत्कीर्ण है, उक्त शिवलिंग करीब 500 वर्ष पूर्व नागवंशी राजा फनीमुकुट राय के द्वारा बनवाया गया था, मान्यता है कि राज घराने की महिलाएं अपने दिन की शुरुआत यहाँ जलाभिषेक करके ही करती थी। लेकिन दोनों नदियों के प्रदुषण और सरकारी उपेक्षाओं के कारण आज यह सांस्कृतिक धरोहर विस्मृत हिने की कगार पर है। स्वर्णरेखा उत्थान समिति विगत 9 वर्षीं से लोगों को जागरूक करने और सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए अभियान चला रही है।
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