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केदारनाथ की धार्मिक यात्रा पर गए शिवपुरी जिले के बदरवास कस्बे के 61 यात्री बादल फटने के बाद फंस गए। जानकारी मिलने के बाद मप्र और उत्तराखंड की सरकारें सक्रिय हुईं और हेलीकॉप्टर के जरिए श्रृद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया।
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हेलीकॉप्टर से कराया रेस्क्यू
सीएम डॉ मोहन यादव ने देर रात ट्वीट कर जानकारी दी। सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा-चारधाम की यात्रा के दौरान केदारनाथ में फंसे म.प्र. के 61 यात्रियों में से 51 यात्रियों को आज एयरलिफ्ट कर सुरक्षित रुद्रप्रयाग पहुंचाया गया है। बाकी 10 यात्री केदारनाथ में ही सुरक्षित स्थान पर हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिवपुरी के बदरवास क्षेत्र के कुल 61 लोग एक बस तथा अन्य चार पहिया वाहन लेकर केदारनाथ दर्शन के लिए गए थे, जो भूस्खलन के कारण वहां फंस गए।
राज्य सरकार ने उत्तराखंड सरकार से संपर्क कर उन्हें एयरलिफ्ट कराया और 51 यात्रियों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर रुद्रप्रयाग पहुंचाया गया हैं। शेष यात्री केदारनाथ क्षेत्र में ही हैं और सुरक्षित है। राज्य सरकार उत्तराखंड सरकार के सतत संपर्क में है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि किसी यात्री को कोई कष्ट न हो। हमारी धार्मिक यात्रा के दौरान वर्षाजनित कठिनाइयों के कारण यह घटना हुई है। सभी यात्री कुशलता से हैं।
CM डॉ मोहन यादव ने ट्वीट कर राहत और बचाव कार्य के लिए उत्तराखंड के सीएम और प्रशासन का आभार माना।
भागवत कथा में शामिल होने गए थे श्रृद्धालु
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिवपुरी जिले के बदरवास कस्बे के रहने वाले करीब श्रद्धालु चार धाम यात्रा सहित बद्रीनाथ में आयोजित होने वाली भागवत कथा में शामिल होने निकले थे। यहां बदरवास की मां भुवनेश्वरी रामायण सेवा समिति द्वारा 4 जुलाई से बद्रीनाथ धाम में भागवत कथा आयोजित होने वाली थी। इस भागवत कथा का वाचन भी बदरवास के रहने वाले पंडित श्री कृष्ण गोपाल महाराज करने वाले थे। इसके चलते बदरवास से 50 श्रद्धालु और 10 लोग खाना आदि कार्य के लिए पांच दिन पहले रवाना हुए थे। इससे पहले कथा वाचक पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा, कृपाण सिंह यादव, सुशील बंसल, श्याम सोनी, राधे चौधरी, विष्णु सिंघल, विनोद गोयल कुल 48 श्रद्धालुओं ने बुधवार सुबह 5 बजे केदारनाथ की यात्रा की शुरुआत की थी। बुधवार शाम पांच बजे सभी श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच गए थे। दर्शन करने के बाद सभी श्रद्धालु गुरुवार सुबह 4 बजे वापस रवाना हुए थे।
लेकिन उन्हें बुधवार रात बादल फटने से रास्ता बंद होने की सूचना नहीं थी। इसके चलते सभी श्रद्धालु रास्ते में फंस गए थे। इसके बाद सभी गौरी कुंड के लिए रवाना हुए थे। यहां से सभी श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। बता दें कि सभी 48 श्रद्धालु रामपुर में एक होटल में रुके हैं। जहां से सभी श्रद्धालु गुरुवार को बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होंगे।
बता दें कि केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर बुधवार रात बादल फटने से रास्ते का करीब 30 मीटर हिस्सा बह गया है। इसके चलते दोनों ओर सैकड़ों श्रद्धालु रास्ते में ही फंस गए थे। आज गुरुवार सुबह से एनडीआरएफ, डीडीआरएफ जवानों को रेस्क्यू अभियान में लगाया था। रेस्क्यू में हेलिकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है।
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