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जयपुर में देर रात शुरू हुई बारिश से शहर में बाढ़ जैसे हालात हो गए। घरों-दुकानों के बेसमेंट में पानी भर गया। सड़कें पानी से लबालब हो गई। जल महल का पानी सड़कों पर आ गया।
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सड़कों पर बाइक, कार और बस सभी डूबी नजर आईं। सड़क धंसने से फंसी गाड़ियों को निकालने पहुंचे जेसीबी भी गड्ढे में फंस गई। जयपुर के विश्वकर्मा इलाके के घरों में इतना पानी भरा कि लोगों को मकान छोड़कर जाना पड़ा। आगे पढ़िए पूरे जयपुर की रिपोर्ट…
लोकेशन – विश्वकर्मा
हालात- लोग घर छोड़कर चले गए
जयपुर के विश्वकर्मा में रोड नंबर 17 स्थित ध्वज नगर के 12 से ज्यादा मकान में बारिश का पानी भर गया। दो मकान में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई। यहां हालात इतने बिगड़ गए कि लोग अपने घर खाली कर दूसरे स्थान पर चले गए। जबकि कुछ लोग मजबूरी में अपने घर की ऊपरी मंजिल और दूसरों के घरों पर रह रहे हैं। इन लोगों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस बदहाल स्थिति को ठीक कर ड्रेनेज सिस्टम की पुख्ता व्यवस्था करे। वरना कभी भी सैकड़ों लोग मिट्टी में दबकर दम तोड़ सकते हैं। स्थानीय निवासी पूजा ने कहा- हर बारिश में इस पूरे इलाके में यही हालत हो जाते हैं। हम पिछले 25 सालों से यहां रह रहे हैं। लेकिन शासन और प्रशासन द्वारा हम लोगों की कभी सुध नहीं ली गई।
स्थानीय निवासी गिरराज ने कहा- पास ही विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया है। इसकी वजह से नालों का गंदा पानी पूरी कॉलोनी में आ जाता है। सालों से यहां नेता आते हैं वादे करते हैं और भूल जाते हैं। समाधान के नाम पर कुछ नहीं होता। अब तो राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दrया कुमारी भी इस क्षेत्र से ही है। लेकिन उन्होंने भी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया। इसकी वजह से हजारों लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
ध्वज नगर में बने घरों में पानी भर गया। लोगों को घर बंद कर जाना पड़ा।
ध्वज नगर में 12 से ज्यादा घरों में बना हुआ है डबल बेसमेंट
ध्वज नगर में 12 से ज्यादा घर जिनमें डबल बेसमेंट बने हैं। यहां सभी घरों में पानी भरा। यहां रहने वाले मोहम्मद नसीम ने बताया- पहले सड़क काफी नीचे थी, तब हमारा घर बना था। लेकिन धीरे – धीरे सड़क की ऊंचाई बढ़ती गई और हमारा घर खड्डे में आ गया। इसके बाद बारिश का पानी हर बार हमारे घरों में आ जाता है। कल रात भी इसी तरह अचानक पानी का बहाव घर में आ गया। इसके बाद पानी के साथ मिट्टी और कचरा भी घर में भर गया। हम सो रहे थे। लेकिन पानी की आवाज के बाद अचानक भागकर ऊपरी मंजिल पर पहुंचे। अपनी जान बचाने में कामयाब रहे। वरना हम भी कमल और पूजा की तरह मिट्टी में ही दफन हो जाते।
खातीपुरा रोड पर बारिश के कारण दुकानों में पानी भर गया।
लोकेशन- खातीपुरा
हालात- बेसमेंट में भरा 3 से 4 फीट तक पानी
जयपुर के खातीपुरा रोड पर बारिश के बाद हालात भयावह हो गए। बेसमेंट की दुकानों में तीन से चार सीट तक पानी भर गया। इसे लोग प्राइवेट मशीन मंगाकर खाली करवा रहे हैं। इस पूरे इलाके में 12 से ज्यादा दुकानों में पानी भरा है। इसकी वजह से लगभग एक से डेढ़ करोड़ रुपए तक के नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
पीड़ित दुकानदार गौरव ने बताया- खराब ड्रेनेज सिस्टम होने की वजह से पूरे इलाके की दुकानों में पानी आ गया है। आज सुबह जब हम दुकान पहुंचे तब पता चला कि सारा सामान सीवरेज के पानी में डूब गया है। इसे अब खाली करवाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन प्रशाशन द्वारा कोई मदद नहीं की जा रही है।
जयपुर की चारदीवारी में सड़कों पर पानी नदी की तरह बहने लगा।
लोकेशन- जयपुर चारदिवारी
हालात- सड़कें नदी बन गई, दुकानों में घूसा पानी
जयपुर के चार दीवारी इलाके में मानसून की मूसलाधार बारिश के बाद सड़कें तालाब में बदल गई। चांदी की टकसाल, कवर नगर, सुभाष चौक, जोरावर सिंह गेट समेत चारदिवारी के प्रमुख बाजारों में दो से तीन फीट तक पानी भर गया। इस दौरान वाहनों की आवाजाही के साथ सड़कों पर बह रहा सीवरेज का गंदा पानी दुकानों में भी घुस गया। इससे दुकानों में रखा लाखों रुपए का माल खराब हो गया है।
स्थानीय व्यापारी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया- हर साल बारिश के बाद यहां इसी तरह के हालात होते हैं। कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हर साल नगर निगम के लोग नाला सफाई से लेकर ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के दावे करते हैं। जबकि मानसून की एक दमदार बारिश ही नगर निगम के दावों की पोल खोल कर रख देती है। इससे यहां रहने वाली जनता और यहां काम करने वाले व्यापारियों को हर साल लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है। दुकानों के साथ घरों में पानी घुस जाता है। देवालय भी सीवरेज के पानी से दूषित हो जाते हैं। लेकिन शासन और प्रशासन को जनता की समस्या से कोई फर्क नहीं पड़ता है। आंख बंद कर बैठा हुआ है।
जलमहल का पानी पाल को पार कर सड़कों पर आया।
जलमहल का पानी सड़क पर आया
जल महल की पाल और सड़क पर अपनी एक लेवल पर आ गया। इससे पाल पर बनी जालियों को भारी नुकसान हुआ। पाल पर जगह-जगह गंदगी का देर भी लग गया। इससे बदबू आने लगी है। ऐसे में जल महल आने वाले पर्यटकों को बदबू से परेशान होना पड़ रहा है।
अजमेर रोड पर पानी में बहने लगी कार।
लोकेशन- अजमेर रोड
हालात- पानी के साथ बहने लगी कार
अजमेर रोड स्थित कमला नेहरू नगर में सड़क पर 3 फीट तक पानी भर गया। जिससे सड़क पर चलने वाली कार पानी में तैरने लगी और वाहन चालक कार से अपना कंट्रोल खो बैठा। इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने पानी के बहाव में बहती कार को बहने से बचाया।
जयपुर के लालकोठी स्थित स्कूल में पानी भर गया।
लोकेशन- लालकोठी
हालात- स्कूल में 4 फीट तक पानी भरा
जयपुर के लाल कोठी स्थित टिनी टोनी स्कूल में 4 फीट तक पानी भर गया। इसकी वजह से स्कूल के क्लासरूम, लाइब्रेरी और गार्ड रूम में रखा सामान भीग गया। हालांकि गनीमत रही कि इस दौरान स्कूल में स्टूडेंट्स मौजूद नहीं थे। इसकी वजह से कोई जनहानि तो नहीं हुई। लेकिन लाखों रुपए का सामान, किताबें और फर्नीचर खराब हो गया। वहीं, बदहाल स्कूल की स्थिति सुधरने तक स्कूल प्रशासन ने अगले 2 दिन तक अवकाश की घोषणा की है।
सहकार मार्ग स्थित जेपी फाटक अंडरपास बारिश के पानी से भर गया।
लोकेशन- सहकार मार्ग
हालात- जेपी फाटक पर अंडरपास पानी में डूबा
सहकार मार्ग स्थित जेपी फाटक अंडरपास में 7 फीट तक पानी भर गया। इसकी वजह से सहकार मार्ग से महेश नगर, जेपी कॉलोनी समेत 6 से ज्यादा कॉलोनी को जोड़ने वाले अंडरपास में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। हालात इतने बिगड़े कि अंडरपास से पैदल आवागमन को भी बंद करना पड़ा है। स्थानीय निवासी राम सिंह ने बताया- हर बार बारिश में इस अंडरपास के हालात ऐसे ही हो जाते हैं। प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता। इसकी वजह से हम जैसे बुजुर्गों को परेशान होना पड़ता है। आज सुबह भी यहां काफी वाहन चालक फंस गए, लेकिन प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने ही पत्थर और लकड़ियां रखकर रास्ता बंद किया।
खिरनी फाटक के पास सड़क पर भरा पानी पटरियों तक पहुंच गया।
लोकेशन- खिरनी फाटक
हालात- पटरियों तक पहुंच गया पानी
खिरनी फाटक के पास ROB के नजदीक सड़क पर लगभग 2 फीट से ज्यादा पानी भर गया है। इसकी वजह से नजदीकी कॉलोनी में जहां घरों में पानी घुस गया है। वहीं, नजदीक से गुजर रही रेलवे लाइन की दीवार तोड़ पटरियों तक भी पानी पहुंच गया है। इससे रेलवे लाइन पर बिजली कंक्रीट खिसकने लगी है। स्थानीय लोगों ने रेलवे प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी है, लेकिन फिलहाल यहां लगातार ट्रेनों की आवाजाही जारी है।
नाहरगढ़ की पहाड़ियों में बारिश के बाद हथनी कुंड से झरना बहने लगा है।
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