[ad_1]
‘ब्राह्मण द ग्रेट’ बुक लिख चुके आईएएस अफसर नियाज खान अब ‘ब्राह्मण द ग्रेट पार्ट-2’ में सनातन धर्म और ब्राह्मणों की सर्वोच्च सत्ता वाला नया उपन्यास लेकर आए हैं। ‘वार अगेंस्ट कलियुग’ शीर्षक से आ रहे खान के इस उपन्यास में पब्लिक में फ्री में बांटी जाने
.
वार अगेंस्ट कलियुग नियाज खान का 10वां उपन्यास है। इसमें उपन्यास के नायक ब्राह्मण शुभेंद्र उर्फ जूनियर कौटिल्य भारत बनाए गए हैं, जो भारत को ऐसा सनातन राष्ट्र बनाना चाहते हैं, जहां ब्राह्मण सनातन पति के संरक्षण में देश सभी जीवों से प्रेम करने वाला और प्रकृति की गोद में बसने वाला होगा। उपन्यास में कहा गया है कि सनातन देश में ब्राह्मण केवल मजिस्ट्रेट, शिक्षा और पूजा पाठ का काम करेंगे और राष्ट्र के मार्गदर्शक होंगे। धर्म का केंद्र बिंदु होने के साथ वे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार भी होंगे। पार्लियामेंट कानून भी सनातनपति से सलाह लेकर बनाएगा।
इन बिंदुओं पर फोकस उपन्यास की थीम
- जाति के स्थान पर कर्म आधारित व्यवस्था फिर से प्रारंभ होगी। देश में छुआछूत पर कठोर दंड की व्यवस्था होगी।
- पर्यटन को प्रतिबंधित कर प्रदूषण रोकने का काम किया जाएगा।
- हर जिले में पब्लिसिटी अधिकारी होगा, जो ब्राह्मणों और सनातन धर्म की महिमा का मंडन करेगा।
- भ्रष्टाचार को राजद्रोह घोषित किया जाएगा।
- अंग्रेजी के स्थान पर प्राचीन शिक्षा को महत्व मिलेगा। अंग्रेजी भाषा को प्रतिबंधित किया जाएगा।
शिखाधारी आचार्य प्रशिक्षण देने का काम
उपन्यास में कहा गया है कि सनातन राष्ट्र में विकास पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। जीवन को प्रकृति के निकट लाने पर काम होगा। सनातन राष्ट्र पूर्ण दक्षता के साथ काम करे। इसके लिए एबीएसएस अखिल भारतीय सनातन सेवा शुरू की जाएगी। शिखाधारी आचार्य प्रशिक्षण देने का काम करेंगे।
इसमें बताया जा रहा है कि देश में जितना भी विकास हुआ है। जैसे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, फ्लाई ओवर, राष्ट्रीय राजमार्ग, शाॅपिंग मॉल समेत अन्य को तोड़कर धरती मां को वास्तविक स्वरूप में लाया जाएगा, क्योंकि ये सभी चीजें गोरों ने बनाई हैं।
गाय सबसे पवित्र मानी जाएगी, धर्मतंत्र बनेगा
उपन्यास के नायक की व्यवस्था में सनातन राष्ट्र में गाय सबसे पवित्र होगी। देश की मुद्रा और सिक्कों पर गाय और बछड़े का चित्र होगा। चूंकि लोकतंत्र अंग्रेजों की देन है, इसलिए लोकतंत्र और धर्म को मिलाकर धर्मतंत्र बनाया जाएगा। ब्राह्णणों को अधिसूचना जारी कर विशेष नागरिक का दर्जा दिया जाएगा। ब्राह्मणों को धोती, कुर्ता, खड़ाऊं और जनेऊ पहनना अनिवार्य होगा और शिखा उनके सिर की शोभा बढ़ाएगी।
अमीरों से पैसा छीनकर समान रूप से बांटा जाएगा
उपन्यास के नायक शुभेंद्र के दौर में जो व्यवस्था बताई गई है, उसमें पूंजीपतियों का पैसा छीन कर सनातन के लोगों में बांट दिया जाएगा, ताकि समानता की स्थिति बनी रहे। ब्राह्मणों के बाद सबसे अधिक सम्मान वन कर्मचारियों को मिलेगा क्योंकि वे वृक्षों की रक्षा करते हैं। वृक्ष माता-पिता तुल्य होते हैं। वृक्षों के काटने वाले दोषी को कठोर दंड दिया जाएगा। चारों शंकराचार्य अपने क्षेत्रों में वनों के मुखिया होंगे।
धर्म पर ब्राह्मणों का एकाधिकार
पुस्तक में बताया गया है कि धर्म पर ब्राह्मणों का सर्वाधिकार होगा। चारों वेद राष्ट्रीय ग्रंथ का सम्मान पाएंगे। सनातन के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा बाॅलीवुड है, जो हॉलीवुड की नकल कर सर्वत्र नग्नता फैलाता है, इसलिए उसे बंद कर दिया जाएगा। उपन्यास में यह भी बताया जाएगा कि फिल्मी कलाकारों का ब्राह्मण आचार्यों द्वारा शुद्धिकरण कर उन्हें मुख्यधारा में लाने का काम किया जाएगा। इसमें एक खास बात यह भी है कि सनातन राष्ट्र में संयुक्त परिवार को फिर मौका मिलेगा।
अंग्रेजी कपड़ों पर रोक होगी, संस्कृत केवल ब्राह्मणों की भाषा
उपन्यास के नायक द्वारा देश में लागू की जाने वाली व्यवस्था में सनातन राष्ट्र में कोई भी गोरों के कपड़े नहीं पहन पाएगा।औभारतीय लिबास को महत्व मिलेगा। संस्कृत केवल ब्राह्मणों की भाषा होगी। आमजन हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा बोल सकेंगे। प्रेम मोहब्बत को अपराध घोषित किया जाएगा, क्योंकि समाज में दुराचार फैलता है। सनातन धर्म के संचालन के लए ग्रामीण क्षेत्रों में ब्राह्मण पुजारियों को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट बनाया जाएगा।
फ्री बीज पर बंदिश का जिक्र
उपन्यास के नायक के शासन में फ्रीबीज पर रोक की बात कही गई है। उपन्यास में कहा गया है कि सनातन राष्ट्र में कोई भी चीज पब्लिक को फ्री में नहीं दी जाएगी क्योंकि यह सनातन की आत्मा के विपरीत है। हर किसी को पसीना बहाकर की कमाने खाने का मौका मिलेगा। बर्थ डे, वेलेंटाइंस डे, और क्रिकेट को प्रतिबंधित किया जाएगा क्योंकि ये भी अंग्रेजों की देन है। कबड्डी और कुश्ती ही प्रमुख खेल होंगे।
[ad_2]
Source link