[ad_1]
उज्जैन। श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली भगवान श्री महाकालेश्वर की तीसरी सवारी से रथ भी शामिल होंगे। रथ पर रंग-रोगन का काम शुरू हो गया है। बाबा महाकाल की 5 अगस्त सोमवार को निकलने वाली तीसरी सवारी में गरूड़ रथ शामिल होगा। इसके बाद की अन्य सवारी में भी
.
श्री महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण-भादो मास में निकलने वाली सवारी में दूसरी सवारी से हाथी पर मन महेश का रजत मुखारविंद शामिल होता है। इसके बाद आगे की सवारी के लिए रथ और भगवान के अन्य मुखारविंद शामिल होते जाते है। मंदिर परिसर में खड़े लकड़ी के रथ की साज-सज्जा और रंग-रोगन का काम शुरू हो गया है। 5 अगस्त को तीसरी सवारी के लिए रथ पर विराजित गरूड़ रथ पर शिव तांडव का मुखारविंद शामिल होगा। सवारी के पहले बुधवार से रथ पर रंग करने का काम शुरू हो गया है। इसके बाद रथ पर विराजित गरूड़ की प्रतिमा पर पालिश का काम किया जाएगा। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि भगवान महाकाल की सवारी के साथ तीसरी सवारी से परंपरानुसार निकलने वाले रथ को तैयार किया जा रहा है। रथ पर विराजित होने वाली प्रतिमाओं पर पालिश कर रंग-रोगन किया जा रहा है।
सवारियों में यह रथ शामिल होते है
1. श्रावण-भादौ मास की सभी सवारियों में भगवान की पालकी शामिल रहती है।
2. दूसरी सवारी से एक मुखारविंद हाथी पर विराजित होता है।
3. तीसरी सवारी में शिव तांडव स्वरूप गरुड़ रथ पर विराजित होते है।
4. चौथी सवारी में भगवान उमा महेश नंदी पर सवार होकर निकलते हैं।
5. पांचवीं सवारी में बैलगाड़ी पर होल्कर मुखारविंद,
6. छठी में बैलगाड़ी पर घटाटोप मुखारविंद शामिल होते है।
7. शाही सवारी में सप्तधान मुखारविंद होता है।
[ad_2]
Source link