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Ismail Haniyeh Death: इजरायल ने 31 जुलाई की सुबह अपने कट्टर दुश्मन हमास प्रमुख इस्माइल हनिया को समाप्त कर दिया. हनिया की मौत के बाद ईरान पूरी तरह से गुस्से में है, क्योंकि इजरायल ने हमला करने के लिए ईरान की धरती को चुना. इस्माइल हनिया राजकीय मेहमान के तौर पर ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने तेहरान पहुंचे थे. इस हमले के बाद ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने कहा कि इजरायल को उसके किए की कठिन और दर्दनाक सजा दी जाएगी. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने इस्माइल हनिया की हत्या का बदला लेना ईरान का कर्तव्य बताया है. इसके साथ ही ईरान ने तेहरान से 120 किमी दूर पर स्थित प्रमुख मस्जिद जमकारान पर लाल झंडा लगा दिया है.
ईरान की मीडिया में जमकारान मस्जिद पर लाल झंडा लगाने की तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं. जमकारान मस्जिद पर लाल झंडा लगाने को युद्ध का एलान समझा जाता है. ईरान की सरकारी मीडिया में छपे एक बयान के मुताबिक, ‘ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने कहा है कि अपराधी यहूदी शासन ने हनिया की हत्या करके अपनी सजा के लिए जमीन तैयार कर लिया है.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘इस्माइल हनिया हमारे प्रिय मेहमान थे, उनकी ईरान की जमीन पर हत्या कर दी गई, ऐसे में बदला लेना हमारा कर्तव्य है.’
कब-कब लगा मस्जिद पर लाल झंडा
दरअसल, जमकारान मस्जिद पर लगे लाल झंडे को बदले के झंडे के तौर पर जाना जाता है. यह झंडा तब लगाया जाता है जब ईरान किसी की मौत या हमले का बदला लेने का एलान करता है. 3 जनवरी 2022 में ईरानी कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद भी जमकारान मस्जिद पर लाल झंडा लगाया गया था. सुलेमानी इराक में एक अमेरिकी एयर स्ट्राइक में मारा गया था. इसी साल 5 जनवरी को भी मस्जिद पर लाल झंडा लगाया गया था, जब कासिम सुलेमानी की बरसी के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान बम विस्फोट हुआ और 80 से अधिक लोगों की मौत हुई.
हनिया की हत्या में बॉडीगार्ड के शामिल होने की बात
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने बताया कि स्थानीय समयानुसार सुबह 1:45 बजे मिसाइल हमले में इस्माइल हनिया की मौत हो गई. इस हमले के लिए रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. हनिया ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गए थे और वहीं रुक गए थे. अरब के मीडिया पोर्टल अमवाज ने ईरानी सूत्र के हवाले से बताया कि हनिया ईरानी राष्ट्रपति के आवास परिसर में ही रुके थे, वहीं उनकी हत्या की गई. ईरानी सूत्र ने बताया है कि हनिया की हत्या में उनका फिलिस्तीनी बॉडीगार्ड भी शामिल था, इसमें दावा किया गया है जानकारी लीक करने के बाद ही उनकी हत्या की गई.
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