[ad_1]
चाय के बाद कॉफी ही सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला पेय पदार्थ है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जो अपने दिन की शुरुआत कॉफी से करते हैं। यूं तो आपको नेस्कैफे, स्टारबक्स, कैफे नीरो, कोस्टा ग्रेस जैसे एक से बढ़कर एक कॉफी ब्रांड मिल जाएंगे। लेकिन कॉफी के एक ब्र
.
ये है लव ओवर कॉफी, जिसके आउटलेट कई शहरों में है। इनके कॉफी आउटलेट पर 40 वैरायटी की कॉफी सर्व की जाती है। लेकिन खास बात यह है तीनों ने मिलकर राजस्थान के लोगों के हिसाब से भी कॉफी की एक वैरायटी तैयार की है। तो चलिए राजस्थानी जायका की इस कड़ी में आपको लेकर चलते हैं कॉफी के बेहतरीन स्वाद के सफर पर…
कॉफी लवर को कम दाम में कॉफी उपलब्ध कराने के मकसद से दो भाई और एक दोस्त ने मिलकर इस जायका की शुरुआत की है।
दो भाई और एक दोस्त ने मिलकर की शुरुआत
लव ओवर कॉफी के फाउंडर रजत शर्मा (32) ने बताया कि वो और उनका भाई आयुष जयपुर में एमबीए की पढ़ाई के दौरान अक्सर दोस्तों के साथ कॉफी पीने के लिए जाते थे।
शहर में खुले महंगे से महंगे आउटलेट पर काफी के बड़े दाम चुकाने के बाद भी बेहतरीन टेस्ट नहीं मिल पाता था। यहीं से दोनों भाइयों को आइडिया आया था कि हम खुद का कॉफी ब्रांड बनाएंगे, जो टेस्ट में सबसे बेस्ट हो और स्टूडेंट्स को कम पैसों में बेहतरीन जायका मिल सके।
4 महीने तक एक्सपेरिमेंट किए
इसके लिए कॉफी प्रोसेस के लिए 8 लाख की मशीन मंगवाई और दुनिया की सबसे प्रीमियम कॉफी बीज (अरेबिका बींस) का आयात किया। कॉफी का स्वाद बनाने के लिए रोस्ट करने का पार्ट सबसे अहम होता है। करीब 4 महीने तक कॉफी को अलग-अलग तरीके से रोस्ट किया। कॉलेज-यूनिवर्सिटी के बाहर जाकर स्टूडेंट्स को टेस्ट करवाने के बाद रिव्यू लिए। तब जाकर कॉफी के दो बेहतरीन स्वाद ड्रिप वियतनामी, कोल्ड ब्रू कॉफी तैयार की।
कॉफी को अलग-अलग हीट पर रोस्ट करने के बाद फ्लेवर तैयार किए जाते हैं।
फिर क्या था दोनों भाइयों ने अपने एक साथी गौरव बत्रा के साथ लव ऑवर कॉफी के पहले आउटलेट की शुरुआत की। सबसे पहले 26 मई 2018 को जयपुर में टोंक रोड पर लव ओवर कॉफी के नाम से पहला आउटलेट खोला।
आयुष शर्मा ने बताया कि कॉफी हमें शुरू से ही इतनी प्यारी लगती थी, कि जहां भी हम कॉफी के बेहतरीन स्वाद के बारे में सुनते, टेस्ट करने वहां पहुंच जाते थे। एक तरह का पागलपन ही समझ लीजिए। यही कारण है कि हमने आउटलेट फ्रेंचाइजी का नाम नाम लव ओवर कॉफी रखा है। इसका मतलब यही है कॉफी के लिए हमारा प्यार।
आगे बढ़ने से पहले देते चलिए आसान से सवाल के जवाब
40 से अधिक वैरायटी, राजस्थानियों के लिए बनाया नया फ्लेवर
आयुष शर्मा ने बताया कि उनके आउटलेट पर हेजलनट कैपुचिनो, तिरामिसू फ्रेपे, चोको ब्राउनी शेक, ड्रिप वियतनामीज जैसी 40 से अधिक वैरायटी की कॉफी मिलती है। लेकिन राजस्थान के लोगों के टेस्ट को ध्यान में रखते हुए बींस की ‘ब्राउंस पल’ कैटेगरी को तैयार किया है।
अरेबिक बींस से तीनों दोस्तों ने मिलकर बाउंस पल नाम से कॉफी का फ्लेवर तैयार किया है।
इस टेस्ट को तैयार करने में कई दिन लगे। अरेबिक बींस को अलग-अलग डिग्री तापमान पर रोस्ट करके देखा गया। लगभग डबल रोस्टेड होने के बाद बीन्स से कॉफी तैयार की गई, जिसका टेस्ट राजस्थान के लगभग सभी शहरों में पसंद किया जा रहा है।
आयुष बताते हैं कि आमतौर पर बड़े विदेशी ब्रांड अपनी कॉफी में इंटरनेशनल लेवल के हिसाब से ही बींस को तैयार करते हैं। उनके किसी भी आउटलेट पर चले जाइए एक जैसा ही स्वाद मिलता है। उसमें कोई बदलाव नहीं करते। लेकिन हमने अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग कैटेगरी तैयार की। इस थीम की कॉफी केवल राजस्थान में इन्ही के आउटलेट पर अलग कैटेगरी है मिलती है।
आयुष शर्मा, रजत शर्मा और दोस्त गौरव बत्रा।
देशभर में 22 आउटलेट खोले
शुरुआत में तो काफी समस्याएं आई, लेकिन धीरे-धीरे हमारी बनाई कॉफी का स्वाद ग्राहकों जुबां पर चढ़ने लगा। साल 2020 में इसी ब्रांड का पहला फ्रेंचाइजी आउटलेट सी स्कीम जयपुर में खोला। फिर अगले साल 2021 में मानसरोवर और इसके बाद 2022 में जयपुर के 9 जगहों पर आउटलेट खोले गए।
वर्तमान में जयपुर में 9, बीकानेर शहर, इंदौर, गुरुग्राम शहर, खाटूश्यामजी में 1-1 आउटलेट खोला गया है। वर्तमान में कुल 22 आउटलेट हैं। जिनमें से पांच कंपनी और 17 फ्रेंचाइजी मॉडल पर हैं। कंपनी के पास 350 से अधिक ट्रेंड लोगों की टीम है।
अब बताते हैं कॉफी का इतिहास : 17 शताब्दी में पहुंची भारत
- कॉफी की खेती 15वीं शताब्दी में शुरू हुई थी और उसके बाद कई शताब्दियों तक अरब का यमन प्रांत दुनिया में कॉफी का प्राथमिक स्रोत रहा।
- लाल सागर के दक्षिणी छोर पर स्थित यमन और इथियोपिया की पहाड़ियों को कॉफी का जन्म स्थान माना जाता है।
- भारत में कॉफी 17वी शताब्दी की शुरुआत में ईस्ट इंडिया कंपनी के जरिए हुई थी। यमन से कॉफी से लदे जहाज भारत के बंदरगाह पर निर्यात के लिए पहुंचते थे।
पिछले राजस्थानी जायका में पूछे गए प्रश्न का सही उत्तर
ये है राजस्थान की धर्मनगरी नाथद्वारा की प्रसिद्ध पुदीना चाय। इसका स्वाद लेने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री और अंबानी जैसे बिजनेस क्लास के लोग भी आते हैं। श्रीनाथजी प्रभु की मंगला झांकी दर्शन के बाद भक्तों की भीड़ पुदीने की चाय वाली थड़ियों पर उमड़ती है। खास बात यह है कि पुदीना चाय सुबह केवल चार घंटे ही मिलती है…(पूरी स्टोरी पढ़ने के लिए CLICK करें)
[ad_2]
Source link