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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में विद्युत आपूर्ति, खाद आपूर्ति, नहरों में पानी और निराश्रित गोवंश को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उमस भरी गर्मी और खेती-किसानी के मौसम में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति की जाए। कहीं भी अनावश्यक कटौती न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि टोल फ्री नंबर 1912 एक्टिव रखने के साथ ही उपभोक्ता की आने वाली कॉल पर प्रतिक्रिया जरूर दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग के मंत्री के पास हर डिस्कॉम के हर दिन की स्थिति का पूरा विवरण होना चाहिए। मांग और आपूर्ति पर मंत्री द्वारा स्वयं नजर रखी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी मंत्रिगण जनप्रतिनिधियों से मिलने के लिए एक समय नियत करें। जनप्रतिनिधियों से लगातार संवाद बनाए रखें उनकी अपेक्षाओं, आवश्यकताओं को समझें और यथोचित निराकरण कराएं। उन्होंने कहा कि भूमिगत बिजली केबल डालने से पहले स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक करके रणनीति तय करें। कब, कहाँ, कैसे केबल डालनी है, मिलकर तय करें। आमजन की सुविधा का पूरा ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फीडर के अनुसार विभाग से जुड़े कर्मियों को इंचार्ज बनाएं और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करें। साथ ही जिन क्षेत्रों में आवश्यक हेतु विद्युत कटौती करनी पड़ रही है, वहां पर दिन में अतिरिक्त विद्युत की आपूर्ति करें। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सिर्फ टिब्यूएल के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता है, वहां के कृषि फीडर को रोस्टर के अनुसार 12 घंटे विद्युत की आपूर्ति अवश्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने विद्युत प्लांट के क्षमता विस्तार और नए विद्युत प्लांट की स्थापना के कार्य में तेजी लाएं। घरेलू और औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय विद्युत कटौती न हो इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा ऐसा मैकेनिज्म विकसित करें कि डिस्कॉम, जोनल, जनपद और फिर स्टार की जवाबदेही तय की जा सके। सीएम योगी ने कहा की बिजली चोरी के मामलों में पहले की अपेक्षा काफी अंकुश लगा है, इसको और बेहतर करते हुए बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।
नहरों में पानी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार मानसून सीजन में प्रदेश के 31 जनपदों में सामान्य से ज्यादा, वहीं 43 जनपदों में औसत से कम बारिश हुई है, जबकि प्रदेश के एक जनपद में अभी तक न के बराबर बारिश हुई है। उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसी योजना बनाएं कि प्रदेश में बारिश हो या न हो, लेकिन हर खेत को पानी मिले। सीएम योगी ने कहा कि जिन जनपदों में राजकीय नलकूप खराब हैं, उनकी जल्द से जल्द मरम्मत कराएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 54 जनपदों में नहरें 80 प्रतिशत के ऊपर टेल फीड हो चुकी हैं, अवशेष जिलों में भी बेहतर व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जलाशयों में नहरों के माध्यम से पानी पहुंचाएं। साथ ही जलाशयों की डिसिल्टिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। योजना सस्टेनेबल हो इसकी कार्ययोजना बनाएं।
खाद आपूर्ति को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। प्रदेश के लगभग हर जनपद में 20-25 दिन की खाद उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि खाद से जुड़ी समितियों के पास भी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। सीएम योगी ने कहा कि प्रत्येक किसान को उसकी जरूरत के अनुसार समय से खाद प्राप्त हो, यह सुनिश्चित किया जाए। खाद की कालाबाजारी और तस्करी कर किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
निराश्रित गोवंश को लेकर सीएम योगी ने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए प्रदेश में वृहद संरक्षण केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश का संरक्षण केंद्रों में चारे-भूसे का आवश्यक प्रबंध किया जाए। साथ ही सरकारी गोवंश संरक्षण केंद्र में केयर टेकर की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबरधन योजना को पीपीपी मोड पर प्रदेश के अन्य जनपदों में आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि बारिश को देखते हुए निराश्रित गोवंश के लिए मुंह पका, खुरपका और गलाघोटूं से संबंधित टीकाकरण अभियान चलाएं। बैठक में मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, एके शर्मा, दिनेश खटीक, बलदेव सिंह औलख, डॉक्टर सोमेंद्र तोमर आदि की उपस्थिति रही।
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