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विधानसभा का एक दृश्य।
– फोटो : amar ujala
विस्तार
सपा सदस्य स्वामी ओमवेश ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि मेरी पार्टी के लोग ही मुझे बोलने नहीं देते हैं। दरअसल, वह गन्ना किसानों की जूना पैकिंग कटने के नियम को समाप्त कराने के लिए सरकार से सवाल कर रहे थे। वह काफी देर तक अपना प्रश्न पूरा नहीं कर सके तो अधिष्ठाता ने उनका माइक बंद करा दिया। इससे वह नाराज हो गए। नेता प्रतिपक्ष को भी उन्हें समझाना पड़ा, लेकिन वह अपनी बात पूरी करने पर अड़े रहे। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना को बोलना पड़ा कि यह व्यवस्था ठीक नहीं है। हालांकि इस दौरान पूरा सदन ठहाकों से गूंजता रहा और स्वामी ओमवेश लगातार बोलते चले गए।
अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को प्रोटोकॉल नहीं दिए जाने पर सदन में सपा सदस्यों ने अपना विरोध दर्ज कराना शुरू किया तो सत्ता पक्ष भी निशाने पर आ गया। विधानसभा अध्यक्ष को कहना पड़ा कि हम तो दिन भर आपकी बातों को सुनते हैं। संसदीय कार्य मंत्री बोले कि मैं तो विरोध का स्वागत करता हूं क्योंकि तुलसीदास बोल गए हैं कि ”निंदक नीरे राखिए, आंगन कुटी समाय”।
पता नहीं कौन से बीमारी बता दें
कांग्रेस दल की नेता अराधना मिश्रा मोना ने सदन के सभी सदस्यों का वर्ष में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बसपा सदस्य उमाशंकर सिंह की तबीयत खराब होने के बाद सभी सदस्यों की स्वास्थ्य की जांच कराना अनिवार्य होना चाहिए। इस पर सपा के एक सदस्य ने कहा कि पता नहीं सरकार कौन सी बीमारी निकाल दे। हमको नहीं कराना है कोई परीक्षण।
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