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Hamas Chief Killed: पिछले साल सात अक्टूबर की आधी रात को हमास आतंकवादियों ने इजरायल पर हवाई हमले किए थे. इस हमले में 1200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग छेड़ रखी है. इजरायली सेना और उसकी गुप्तचर संस्था मोसाद लगातार गाजा में हमास के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर रही है. पिछले साल हमास के हमले के बाद मोसाद ने हमास का नामोंनिशान मिटा देने की कसम खायी थी. हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या को उसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है.
हालांकि इजरायल ने न तो इस हमले की जिम्मेदारी ली है और न ही इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया है. लेकिन माना जा रहा है कि इस्माइल हानिया की हत्या इजरायल की बदला लेने की कार्रवाई है. और उसे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सीक्रेट एजेंसी मोसाद ने अंजाम दिया है. इस्माइल हानिया ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आया था, तभी मोसाद ने ईरान में घुसकर उसे मार गिराया. ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने इस्माइल हानिया के मौत को लेकर बयान जारी किया. बुधवार की सुबह जारी बयान में सेना ने कहा, “इस्माइल हानिया और उनका एक बॉडीगार्ड जिस बिल्डिंग में रह रहे थे उस पर हमला किया गया. इस हमले में इस्माइल हानिया के साथ उनका बॉडीगार्ड भी मारा गया है.’
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इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मोसाद के चीफ डेविड बार्निया.
की थी 7 अक्टूबर का बदला लेने की बात
हमास आतंकवादियों के इजरायल पर हमले के कुछ दिनों बाद सीक्रेट एजेंसी मोसाद के चीफ डेविड बार्निया ने कहा था कि हमास के सभी प्रमुख कमांडरों का खात्मा करने के लिए उनका देश प्रतिबद्ध है. डेविड बार्निया ने इसी साल जनवरी में लेबनान में हमास के डिप्टी लीडर सालेह अल अरौरी के मारे जाने के एक दिन बाद चेतावनी दी थी कि सात अक्टूबर को गाजा से आए हत्यारों और हमलों की योजना बनाने वालों से इजरायल हिसाब बराबर करेगा. डेविड बार्निया ने हमास के नेताओं को ट्रैक करने और मारने की कसम खायी थी.
डेविड बार्निया ने किया था देश से वादा
डेविड बार्निया ने मोसाद के पूर्व प्रमुख जवी जमीर के अंतिम संस्कार के समय भी यह वादा दोहराया था. उन्होंने कहा था कि म्युनिख नरसंहार के बाद की कार्रवाई की तरह हमास को खत्म करने में समय लगेगा, लेकिन वे जहां भी होंगे, हम उनको ढूंढ निकालेंगे. हर अरब मां को पता होना चाहिए कि अगर उसके बेटे ने सात अक्टूबर के नरसंहार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लिया तो उसका खून उसके लिए जिम्मेदार होगा. डेविड बार्निया का यह बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि वही इजरायल की ओर से युद्धविराम की बातचीत में भी शामिल थे.
बार्निया 96 में मोसाद से जुड़े, 2021 में बने चीफ
1996 में डेविड बार्निया मोसाद में शामिल हो गए. उन्होंने जोमेट डिवीजन में रहकर इज़राइल और विदेशों में ऑपरेशन यूनिटों की कमान संभाली. ढाई साल तक उन्होंने केशेत डिवीजन के डिप्टी चीफ के रूप में कार्य किया, जिसका काम घुसपैठ और लक्ष्यों की निगरानी करना है. 2013 में उन्हें जोमेट डिवीजन का प्रमुख नियुक्त किया गया. जब डेविड बार्निया जोमेट डिवीजन के चीफ रहे, उसको राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चार पुरस्कार प्रदान किए गए. 2019 में उन्हें मोसाद का डिप्टी चीफ नियुक्त किया गया. जून 2021 में उन्हें मोसाद का चीफ बना दिया गया. उन्होंने यह पद योसी कोहेन से ग्रहण किया.
बंधकों की रिहाई में निभाया अहम रोल
हमास और इजराइल के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद डेविड बार्निया ने इजरायली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हमास के साथ एक समझौते पर जोर दिया. 9 नवंबर, 2023 को, डेविड बार्निया ने दोहा में सीआईए निदेशक विलियम जे. बर्न्स और कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से मुलाकात की. युद्धविराम की संभावनाओं और बंधकों की रिहाई पर चर्चा की गई. बंधकों की रिहाई को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के बीच हुई बातचीत में सीआईए प्रमुख बर्न्स के अलावा डेविड बार्निया भी शामिल थे.
डेविड बार्निया ने तेल अवीव में मिलिट्री बोर्डिंग स्कूल फॉर कमांड में पढ़ाई की और 1983 में वह इजरायली सेना में भर्ती हुए.
जर्मनी से भागकर आये थे पिता
डेविड बार्निया के पिता जोसेफ ब्रूनर जब तीन साल के थे तब उनका परिवार जर्मनी से भागकर इजरायल में आकर बस गया था. डेविड बार्निया का जन्म इजरायल में अश्कलोन में हुआ और वह रिशोन लेज़ियन में पले-बढ़े. जोसेफ ने इजरायली सेना ज्वाइन करने के बाद देश के लिए लड़ाई लड़ी और फिर लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर काम किया. उनकी मां, नाओमी, एसएस पैट्रिया में पैदा हुई थीं और एक टीचर और स्कूल प्रिंसिपल के रूप में काम करती थीं.
सेना में रहे, बाद में बिजनेस मैनेजर बने
डेविड बार्निया ने तेल अवीव में मिलिट्री बोर्डिंग स्कूल फॉर कमांड में पढ़ाई की और 1983 में वह इजरायली सेना यानी आईडीएफ में भर्ती हुए. उन्होंने अपनी सैन्य सेवा जनरल स्टाफ रिकोनिसेंस रेजिमेंट के साथ की. बाद में उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई की. न्यूयॉर्क इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बैचलर की डिग्री और पेस यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने इजरायल में एक बैंक में बिजनेस मैनेजर के तौर पर काम किया.
Tags: Benjamin netanyahu, Hamas attack on Israel, Iran news, Israel, Israel attack on palestine
FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 13:04 IST
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