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220 केवी जीएसएस में बुधवार की शाम बम बलास्ट से आग लगने व 4 से 5 विद्युत कर्मियों के झुलसने की सूचना के बाद पुलिस और जिला प्रशासन अलर्ट हुआ। 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और स्ट्रेचर खोलने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं खुली, जिसके कारण प्रशासन की इमरजेंसी
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दरअसल, जालोर में शाम 5:15 बजे लेटा स्थित 220 जीएसएस में बम ब्लास्ट व आग की सूचना देकर विभागीय व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। सूचना मिलते ही सबसे पहले जालोर कोतवाल जसवंत सिंह 5.23 बजे घटना स्थल पर पहुंचे। उनके बाद एएसपी रामेश्वर लाल 5.25 बजे, एसपी ज्ञानचंद्र यादव और जिला कलेक्टर पूजा पार्थ, डीएसपी गौतम जैन व तहसीलदार 5.27 बजे पहुंचें।
मॉक-ड्रील के दौरान आवश्यक निर्देश देते जिला कलेक्टर व एसपी।
इनके बाद आहोर एसडीएम 5.28 बजे, सिविल डिफेंस के कर्मिक 5.32 बजे, अग्निशमन 5.29 बजे, पीएमओ जालोर पूनमचंद टांक 5.44 बजे, जालोर सामान्य चिकित्सालय से एम्बुलेंस 5.37 बजे, विद्युत विभाग के कर्मिक 5.46 बजे, रिजर्व पुलिस लाइन जालोर से पुलिस बल 5.38 बजे घटना स्थल पर पहुंचा।
मॉक-ड्रील के दौरान एम्बुलेंस की स्ट्रैचर नहीं खुली।
डिस्कॉम के अफसर पहुंचें सबसे लेट
कार्रवाई के दौरान प्रशासन और पुलिस के बीच सामंजस्य में कमी दिखाई दी। सूचना पर सबसे पहले जालोर कोतवाल पहुंचे। सबसे लेट पुलिस लाइन से पुलिस बल पहुंचा। वहीं जिस डिस्कॉम विभाग के जीएसएस में आग लगी थी, उसी के अधिकारी घटना स्थल पर सबसे देरी से पहुंचें।
संसाधनों को रिपेअर करवाने के दिए निर्देश
ब्लास्ट की सूचना पर एम्बुलेंस भी घायलों को लेने आई। लेकिन एक एम्बुलेंस की स्ट्रेचर में जंग लगने के कारण वो खुल ही नहीं पाई। इसके बाद एसपी ज्ञानचंद्र यादव व जिला कलेक्टर पूजा पार्थ ने सभी संसाधानों को रिपेअर करवाने और उन्हें एकदम दुरस्त रखने के निर्देश दिए।
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