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हरियाणा में अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। लोकसभा चुनाव में 5 सीटें ही हासिल करने वाली भाजपा अब कोई चूक नहीं चाहती। ऐसे में पहले से ही तैयारी में जुट गई है। इसी क्रम में मंगलवार को देर रात दिल्ली में हरियाणा को लेकर मंथन बैठक हुई। यह मीटिंग हरियाणा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर हुई, जिसमें त्रिपुरा के पूर्व सीएम व चुनाव के सह-प्रभारी बिप्लब कुमार देव, सीएम नायब सिंह सैनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली मौजूद थे। इनके अलावा केंद्रीय बिजली मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा मामलों के प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया व सह-प्रभारी सुरेंद्र नागर मुख्य रूप से मौजूद रहे।
इस बैठक में सोशल मीडिया की रणनीति पर चर्चा हुई। तय किया गया कि सभी मुद्दों पर भाजपा आक्रामक रुख अख्तियार करे और कांग्रेस को करारा जवाब दिया जाए। यही नहीं भाजपा की ओर से सीटवार चुनावी रणनीति बनाई जा रही है। सभी नब्बे सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर सर्वे करवाया जा रहा है। सर्वे अंतिम चरण में है। पार्टी के मौजूदा विधायकों के अलावा 2019 में चुनाव लड़ चुके नेताओं का भी रिपोर्ट कार्ड तैयार हो रहा है। मंगलवार की मीटिंग में भी सभी नेताओं से सारी 90 सीटों का फीडबैक लिया गया। संभावित कैंडिडेट्स के नाम भी पूछे गए।
कहा जा रहा है कि सर्वे अंतिम चरण में है और उसके नतीजे आने के बाद ही कैंडिडेट्स पर विचार किया जाएगा। इस बैठक में आईटी का काम देखने वाली कंपनी के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। पार्टी ने सोशल मीडिया पर और एक्टिव और आक्रामक होने का मन बना लिया है। इसके बाद दूसरी बैठक में प्रमुख नेता ही मौजूद रहे। इनमें दोनों प्रभारी और सह-प्रभारी के अलावा सीएम, पूर्व सीएम व प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहे। इस बैठक में चुनावी रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह व नितिन गडकरी सहित अन्य केंद्रीय नेताओं के दौरों को लेकर भी चर्चा की गई।
खबर है कि पीएम नरेंद्र मोदी से हरियाणा में समय देने की अपील की जा रही है। उनके हाथों से कई स्थानों पर उद्घाटन कराए जाने की तैयारी है। सरकार व संगठन की सोच है कि हिसार में बनाए जा रहे महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उदघाटन प्रधानमंत्री के हाथों करवाया जाए। मोदी का पंद्रह अगस्त के बाद का हरियाणा आने का कार्यक्रम बन सकता है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को 44 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली है। ऐसे में उसे लगता है कि भले ही माहौल उसके पक्ष में पहले की तरह नहीं है, लेकिन मेहनत करने पर नतीजे फेवर में हो सकते हैं।
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