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15 सवालों के साथ सदन पहुंचा विपक्ष, सीएम पर लगाए वादाखिलाफी के आरोप
झारखंड विधानसभा के चौथे दिन की कार्यवाही पहले तीन दिनों की कार्यवाही की तरह हंगामे के साथ शुरू हुई। सदन शुरू होने से भाजपा के विधायक युवाओं को नौकरी देने, अनुबंधकर्मियों को नियमित करने जैसे 15 सवालों के साथ विधानसभा पहुंची।
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सभी विधायक इन सवालों का बैनर ले कर सदन की सीढ़ियों पर खड़े हुए। वे लगतार हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए। कहा कि जिस रोजगार के नाम सत्ता आए, उसे पूरा ही नहीं किया। इन्होंने राज्य के युवाओं को ठगने का काम किया है।
नेता प्रतिपक्ष के बयान घमासान
चौथे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही पक्ष के विधायक नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी के बयान पर हंगामा कर दिया। वे नेता प्रतिपक्ष से स्पीकर और राज्य की जनता से माफी मांगने को कहने लगे। कांग्रेस और झामुमो ने अमर बाउरी के बयान को आसन का अपमान बताते हुए कार्रवाई की मांग की। इस दौरान सत्ता पक्ष विपक्ष के बीच तीखी नोकझोक हुई।
विधायक प्रदीप यादव ने बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विधानसभा की कार्यवाही कार्य संचालन नियमावली से चलती है। भाजपा ने सदन अध्यक्ष को सरकार का प्रवक्ता कहा है। यह नियमावली के कॉलम 70 का उल्लंघन है।
इस पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये लोग जाति सूचक आरोप भी लगाते हैं। इनलोगों पर कार्रवाई नहीं होने से गलत व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
विधानसभा में हुआ राहुल गांधी का जिक्र
सदन की कार्यवाही के दौरान पक्ष-विपक्ष की नोकझोंक के बीच नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने स्पीकर को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमारी बात नहीं सुनी जाएगी तो हम किससे अपनी बात कहें। विधानसभा लोकतांत्रिक व्यवस्था से चलता है। उन्होंने जेएमएम-कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा विधानसभा में राहुल गांधी का जिक्र किया।
अमर बाउरी ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने क्या कहा यह सब जानते हैं। मैं किसी के भय से अपने दल की बातों को बोलना छोड़ दूं, ऐसा नहीं हो सकता है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूरी, पर मर्यादा न भूलें
चल रही नोकझोंक के बीच झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार ने नेता प्रतिपक्ष को नसीहत देते हुए अब ये केंद्र की बात कर रहे हैं। लोकसभा स्पीकर ने 146 सांसदों को निलंबित कर दिया था, यह बात न भूलें। इस पर अमर बाउरी का पक्ष लेते हुए भाजपा विधायक सीपी सिंह ने मैं भी कल सदन में था। नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ अवमानना की बात गलत है।
विधायकों की बात सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र महतो ने साफ शब्दों में कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन, मर्यादा नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कल्पना सोरेन का उदाहरण देते हुए कहा कि कल जब वह बोल रहीं थी तब आप एक आदिवासी महिला को बोलने से रोक रहे थे। ऐसा नहीं होना चाहिए।
जबसे जेल से आया विपक्ष को चुभ रहा कांटा
सदन में भाजपा विधायक अनंत ओझा के सवाल पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष को बहुत चिंता है। इनकी कुर्सी में कांटा लगा हुआ है। यही वजह है कि वे कुर्सी पर बैठ नहीं पा रहे हैं। मैं जबसे जेल से आया हूं विपक्ष को यह कांटा और अधिक चुभने लगा है। खैर मैं आपके सारे सवालों का जवाब दूंगा।
मेरी बारी आएगी मैं सारी बात बताऊंगा। आपसे आग्रह होगा कि आप मेरी सारी बातों को सुनेंगे। आपको भरपुर संतुष्ट कर के सदन से विदा करेंगे। आपके धरना प्रदर्शन को भी मैंने देखा। आपकी मंशा को भी हमने समझ लिया है। आपके सारे सवालों का बिंदुवार हम जवाब देंगे।
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