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पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल बन गए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन सहित झारखंड के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। संतोष गंगवार झारखंड के 12वें राज्यपाल के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है। झारखंड हाईकोर्
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार रात झारखंड और छत्तीसगढ़ समेत आधा दर्जन राज्यों में नया राज्यपाल को नियुक्त किया है। बरेली के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को झारखंड का नया राज्यपाल बनाया गया है। वहीं झारखंड के वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का गवर्नर बनाया है।
संतोष गंगवार झारखंड के 12वें राज्यपाल बने हैं। 8 बार सांसद रह चुके गंगवार भाजपा में लंबे समय तक सक्रिय रहे। सीपी राधाकृष्णन ने 18 फरवरी 2023 को झारखंड के राज्यपाल का पदभार संभाला था। करीब 17 महीने बाद झारखंड को फिर से नया राज्यपाल मिल गया है।
संतोष गंगवार को जानिए
नव नियुक्त राज्यपाल संतोष गंगवार आठ बार सांसद के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। गंगवार भाजपा में लंबे समय तक सक्रिय रहे हैं। संतोष गंगवार इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे।
1 नवंबर 1948 को बरेली में जन्मे संतोष गंगवार ने आगरा विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश के रोहिलखंड विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है। वह वर्तमान में सार्वजनिक उपक्रमों की समिति के अध्यक्ष हैं। इससे पहले वे केंद्र सरकार में श्रम और रोजगार मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री थे।
ऐसा रहा है संतोष गंगवार का राजनीतिक सफर
संतोष गंगवार बरेली में विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं । उन्होंने पहली बार भाजपा के टिकट पर साल 1981 में बरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उनकी हार हुई। इसके बाद 1984 के आम चुनावो में भी उनको हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, 1989 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली।
वह उत्तर प्रदेश के बरेली से 1989 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। साल 2009 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस के प्रवीण सिंह आरोन ने 9 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया था। मगर 2014 के चुनाव में उन्होंने एक बार फिर जबरदस्त वापसी करते हुए जीत हासिल की । 2019 में भी वे चुनाव जीते थे।
सीपी राधाकृष्णन ने 2022 में विधेयक को वापस लौटाया था
झारखंड विस द्वारा पारित कुछ विधेयकों को लौटाने के बाद सत्तापक्ष ने राज्यपाल से नाराजगी भी जताई थी। 11 नवंबर 2022 को विधानसभा में तत्कालीन हेमंत सोरेन की सरकार ने ‘झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए अधिनियम, 2022’ पारित किया था। इसे आगे राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया था, जिसे दिसंबर 2023 में राज्यपाल ने लौटा दिया था।
राज्य सरकार ने इस विधेयक को दोबारा पारित किया। इसी तरह राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड वित्त विधेयक, 2022 को विधानसभा को वापस लौटाया था। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ओबीसी सहित अन्य श्रेणी के आरक्षण की सीमा बढ़ाने से संबंधित विधेयक ह्यझारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 को भी वापस लौटा दिया था।
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