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नई दिल्ली, एजेंसी। तापमान बढ़ने की वजह से देश के सबसे ऊंचे लेह हवाईअड्डे पर उड़ानों के संचालन में दिक्कत आ रही है। यह समुद्र तल से लगभग 10,700 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
अधिकारियों के अनुसार, लेह हवाई अड्डे से घरेलू एयरलाइंस ए-320 और बी-737 विमानों का संचालन करती हैं। कुछ विमानन कंपनियों ने उच्च तापमान के कारण हाल के दिनों में अपनी निर्धारित उड़ानें रद्द कर दी हैं। एयरलाइन के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, लेह में बाहरी हवा का तापमान बहुत अधिक होने के कारण इंडिगो की लेह से आने-जाने वाली उड़ानों का परिचालन प्रभावित हुआ है, जो एयरलाइन के नियंत्रण से बाहर है।
एयरबस के एक वरिष्ठ पायलट ने कहा कि अधिकतम तापमान जिस पर ए-320 नियो विमान संचालित हो सकता है, वह 33 डिग्री सेल्सियस है। यदि तापमान उस स्तर को पार कर जाता है, तो विमान को उस ऊंचाई पर संचालित नहीं किया जा सकता है। स्पाइसजेट के एक अधिकारी के अनुसार, बोइंग 737 विमानों के लिए लेह हवाई अड्डे पर संचालन के लिए अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस है। उन्होंने कहा कि अधिकतम तापमान विभिन्न परिचालन मापदंडों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है, जिसमें हवाई अड्डे की ऊंचाई और उसके आसपास की बाधाएं शामिल हैं।
विमानन उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि उच्च तापमान के कारण परिचालन संबंधी समस्याएं पैदा हो रही हैं, जिनमें विमान के पेलोड से संबंधित मुश्किलें भी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा, लेह जैसे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हवा का घनत्व कम होता है और उच्च तापमान के कारण विमान के लिए उड़ान भरना मुश्किल हो जाता है।
मालूम हो कि पायलटों को इस हवाई अड्डे पर उड़ानें संचालित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, जो दुनिया के सबसे ऊंचे वाणिज्यिक हवाई अड्डों में से एक है। इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट और विस्तारा लेह के लिए उड़ानें संचालित करती हैं।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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